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ब्रह्मचारी गोवत्स श्री ओम गोपाल जी

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मेरा सामान्य परिचय:-
1. नाम:- ब्रह्मचारी गोवत्स ओम गोपाल
2. जन्मदिनांक:- 8 दिसम्बर 1996 
3. शरीर का पूर्व नाम:- ओम प्रकाश मेहरा
4. जन्मभूमि:- नगरपालिका दूनी, तहसील- दूनी, जिला टोंक, राजस्थान  
5. जीवन की लौकिक शिक्षा:-  ..........
6. आध्यात्मिक शिक्षा:- परम पूज्य सद्गुरुदेव भगवान ग्वाल संतश्री गोपालाचार्य स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती जी महाराज जी के सानिध्य में गौ-कथा, श्रीमद्भगवत गीताजी, साधन निधि, वेदांत सत्संग का अध्ययन-श्रवण वर्ष 2024 में किया।

सामान्य जीवन से अध्यात्म यात्रा:-
प्राप्त वर्तमान शरीर का जन्म दिनांक 8 दिसम्बर 1996 में टोंक जिले की दूनी तहसील में मेहरा (केवट कश्यप) परिवार में हुआ। परम पूज्य गुरुदेव भगवान के माध्यम से चल रही विश्व की सबसे पहली लम्बी व सबसे बड़ी पदयात्रा ""31 वर्षीय गो पर्यावरण एंव अध्यात्म चेतना पदयात्रा"" का वर्ष 2013 में आगमन हमारे ग्राम दूनी में हुआ। बस स्टैंड पर संकटमोचन हनुमान मंदिर के सामने यात्रा स्वागत इत्यादि होने के पश्चात् पदयात्रा के प्रणेता
परम पूज्य सद्गुरुदेव भगवान ग्वाल संतश्री गोपालाचार्य स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती जी महाराज जी के मुखारविंद से गौ महिमा सत्संग का आयोजन हुआ। परम पुज्य गुरुदेव भगवान मुखारविंद से गौमाता की करूण व्यथा को सुनकर मन में ऐसा भाव आया कि वर्तमान समय में गौ माता की रक्षा एवं उनकी सेवा की महती आवश्यकता है। उसी दिन से गौमाता की सेवा/रक्षा का संकल्प लिया और तत्क्षण चाय/चीनी इत्यादि का त्याग कर आजीवन गोव्रती रहने का निर्णय लिया।
गुरुदेव भगवान की वाणी से प्रेरित होकर के गौमाता के सेवा कार्य के लिए दिन रात लग गए।
बीमार, दुर्घटनाग्रस्त, घायल गोमाता की चिकित्सा सेवा को प्रारंभ किया। बीमार गौमाताओं को रखने के लिए जब गांव में जगह नहीं मिली, तब अपनी स्वयं की दुकानों की पट्टियाँ हटवाकर वहाँ पर गौमाताओ को आश्रय देना प्रारंभ किया।
धीरे-धीरे सन्तों से जुड़ाव हुआ और संतों के सानिध्य में गौ सेवा का कार्य और आनंद से होने लगा। गौमाता को राष्ट्रमाता बनाने के लिए हुए समस्त आंदोलनो में पूर्ण भागीदारी निभाई।
देशभर के प्रत्येक राज्यों में जाकर गौमाता को राष्ट्रमाता बनाने के लिए निकाली गई रैलियों में सहयोग किया।
भगवती गौमाता की कृपा से जन्मभूमि दूनी में भगवती गौमाता के आश्रय स्थल/गौशाला का निर्माण भगवती गौमाता की ही कृपा से संभव हो पाया। वर्तमान में दूनी गौशाला में 340 गौवंशो की सेवा का कार्य सतत् जारी है। मेरे द्वारा हुई भगवती गौमाता जी की लघु सेवा से प्रसन्न होकर के परम पूज्य गौ करणी भैरव उपासक ग्वाल सन्त श्री गोपालानंद सरस्वती जी महाराज जी गुरुदेव ने ग्वाल शक्ति सेना (G.S.S) के राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यभार सौंपा। (G.S.S) का मुख्य उद्देश्य सम्पूर्ण देश में एक गौ-रक्षा कानून बनाना है ताकि भविष्य में एक भी गौमाता सड़क पर निराश्रित नजर ना आए और भाव से जन मानस के हृदय पटल और आंगन में भगवती गौमाता को स्थान प्राप्त हो।

जिम्मेदारियां:-
वर्तमान में मुझे गुरुदेव भगवान की कृपा से निम्न सेवादायित्व प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है:-
1. 43 नियमों का पालन करते हुए गो कृपा कथा के माध्यम से गो महिमा का प्रचार करना।
2. देशभर में चल रही गोशाला एवं गो चिकित्सालयों को आने वाली शासकीय और सामाजिक समस्याओं का समाधान करवाना।
3. ५००० व्यसनमुक्त गोव्रती और एक करोड़ गोभक्त सज्जनों को जोड़ना, जो गो-सेवा के कार्यों में सदैव तत्पर रहे।

कार्य सिद्धि हेतु संकल्प :-
1. पूर्णतः गोव्रती प्रसादी का ही सेवन करना।