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साध्वी श्री गार्गी गोपाल सरस्वती दीदी जी

मेरा सामान्य परिचय :
                 1. नाम:- साध्वी गार्गी गोपाल सरस्वती गुरु गोपालाचार्य स्वामी गोपालानन्द जी सरस्वती 

2. जन्म दिनांक:- 

3. शरीर का पूर्व नाम:- हेमा कुंवर 

4. जन्म स्थान:- ........

5. लौकिक शिक्षा:- ..........

6. आध्यात्मिक शिक्षा:- परम पूज्य सद्गुरुदेव भगवान ग्वाल संतश्री गोपालाचार्य स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती जी महाराज जी के सानिध्य में गीता, वेदांत, रामायण और पुराणों का
अध्ययन कर लौकिक परिवार त्याग कर संन्यास दीक्षा ली।

सामान्य लौकिक जीवन से अध्यात्म यात्रा:-
बाल्यकाल से ही मंदिर जाना, पूजा पाठ करना, सत्संग श्रवण करने में रुचि रही। कोई भी जीव मेरे कारण से दु:खी न हो व सद्‌मार्ग पर चलने के शुद्ध भाव ने मुझे परम पूज्य ग्वाल संतश्री गोपालाचार्य स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती जी महाराज जी गुरुदेव से मिलवाया। गुरुदेव भगवान की कृपा से वर्ष 2008 से ही भगवती गौ माता की सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ, उससे पूर्व गोमाता की महिमा इतनी विराट है, यह ज्ञान नहीं था।
वर्ष 2012 से परम पूज्य गुरुदेव भगवान के माध्यम से चल रही विश्व की सबसे पहली लम्बी व सबसे बड़ी पदयात्रा ""31 वर्षीय गो पर्यावरण एंव अध्यात्म चेतना पदयात्रा"" का हिस्सा बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। गुरुदेव भगवान की शरण लेने के पश्चात् परम पूज्या वेदलक्षणा गौमाता की वास्तविक दिव्यता का धीरे-धीरे अनुभव होने लगा। गुरुदेव भगवान और भगवती गौमाता की कृपा से धीरे-धीरे एहसास हुआ कि गो-आधारित कृषि, चिकित्सा, शिक्षा से ही विश्व की उन्नति व मानव का कल्याण सम्भव है। गोमय जीवन ही हमें परमात्मा से मिला सकता है।
मैंने परम पूज्य गुरुदेव भगवान के सानिध्य में गौमाता की सेवा का कार्य प्रारंभ किया। गुरुदेव भगवान के निष्काम कर्म से प्रेरित होकर संन्यास मार्ग को अपनाया। पिछले कई वर्षों से गुरुदेव भगवान के मार्गदर्शन में गांव-गांव में भगवती गौमाता की महिमा स्थापित करने हेतु कार्य सतत् चल रहा है। स्वयं किसी न किसी रूप में गो-सेवा करते हुए मानव समाज को गो-सेवा के लिए प्रेरित करना ही अब मेरे जीवन का उद्देश्य बन चुका है

जिम्मेदारियां:-
वर्तमान में मुझे गुरुदेव भगवान की कृपा से निम्न सेवादायित्व प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है:-
1. 43 नियमों का पालन करते हुए गो कृपा कथा के माध्यम से गो महिमा का प्रचार करना
2. आश्रम एवम् गौ-सेवा संस्थान, स्थान-खामल, तहसील- सोजत, जिला- पाली, राज्य- राजस्थान की संचालन व्यवस्था देखना।

कार्य सिद्धि हेतु संकल्प:-
1.  पैरों में जूते-चप्पल नहीं पहनना।
2.  गोव्रती प्रसादी का ही प्रयोग करना।