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धेनु धारा फाउंडेशन

धेनु धारा फाउंडेशन:-
गो हित जल-सुखमय कल

कामधेनु गौ अभयारण्य, सालरिया, आगर-मालवा, मध्य प्रदेश, में गौ भैरव उपासक ग्वाल संत जी के मुखारविंद से एक वर्षीय गो कृपा कथा के एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के आयोजन के दौरान ग्वाल जी के मार्गदर्शन में गोवत्स किरण कृष्ण जी के नेतृत्व में  बीमार और दुर्घटनाग्रस्त पवित्र पूजनीय गोवंश सेवा हित "धेनु धारा फाउंडेशन” नाम की संस्था का शुभारंभ किया गया है। 

आईये... अब हम जानते हैं कि हमें किस प्रकार से गौमाता की जल सेवा का सू अवसर प्राप्त हुआ है।और क्या कहते है धर्म ग्रंथ 
(महाभारत, अनुशासन पर्व, दानधर्म पर्व, अध्याय, 69/7)
3. मातर: सर्वभूतानाम्,गाव: सर्वसुखप्रदा:।
(महाभारत की कथा वैशम्पायन जी, परीक्षित के पुत्र जनमेञ्जय को सुना रहे हैं)
भीष्म पितामह धर्मराज युधिष्ठिर से कहते हैं कि- गाय माता सारे चराचर जगत की, संपूर्ण प्राणियों की माता है। एवं सारे संसार को सुख देने वाली है।

गो मनुष्य के जीवन का अवलंब है, गो कल्याण का परम निधान है। पहले के लोगों का ऐश्वर्य गो पर अवलंबित था, आगे की उन्नति भी गो पर अवलंबित है। गो ही हर समय पुष्टि का साधन है।
वैदिक सनातन संस्कृति में गो जाति का बहुत बड़ा सम्मान है। प्रतिदिन के धार्मिक व्यवहारिक जीवन में गौ माता की अपेक्षा बनी रहती है। शास्त्रों में गौ माता के रोम-रोम में देवताओं का वास है, ऐसा वर्णन आता है।
गो के दर्शन व स्पर्श से रोग दोष पाप ताप की प्रशांति हो जाती है। जहाँ प्रसन्नता के साथ गौ माताएं भ्रमण करती हैं, श्वास लेती हैं, मूत्र, पुरीष उत्सर्जित करती हैं, वहाँ से विविध उपद्रव, दरिद्र दूर हो जाते हैं और सुख शांति तथा लक्ष्मी जी का वहाँ शुभागमन हो जाता हैं।
अतः उचित सेवा से भगवती गौमाताजी को प्रसन्न रखना मानव जाति का प्रधान कर्तव्य है। गौ-सेवा का ही एक अंग है- गौमाता के लिए जल की व्यवस्था करना। 
हमारे देश में मनुष्य के लिए शुद्ध जल की व्यवस्था क्रय करके धर्मार्थ जल मंदिर से अथवा प्राकृतिक संसाधनों पर अतिक्रमण कर के हो ही जाती है। लेकिन आज भी सुदूर क्षेत्र में पहाड़ों में, रेगिस्तान में गोवंश जल के अभाव में प्राण त्याग देता है, इसी बात को ध्यान मे रखते हुए "धेनु धारा फाउंडेशन" की शुरुआत की गई है।
इस फाउंडेशन द्वारा देश के समस्त अभावग्रस्त क्षेत्र में जहाँ पर गौमाता के लिए चिकित्सालय में जल की व्यवस्था नहीं है, वहाँ पर जल प्रबंधन का कार्य करना है। कुछ जिलों से प्रारंभ यह कार्य आगे संपूर्ण भारतवर्ष और भारत से बाहर भी जहाँ वेदलक्षणा गोमाता के लिए जल की व्यवस्था की आवश्यकता होगी, निष्काम भाव से कूप/खेली/ इत्यादि का व्यवस्थित एवं सुनियोजित प्रबंधन कार्य को करने का भाव है।
गो आश्रय स्थल पर गौमाता हेतु जल प्रबंध का सेवा कार्य मुक्ति का साधन है। यह हमारे धर्म ग्रंथ में भी लिखा है 
1. तासां च प्रचरं कृत्वा तथैव सलिलाशयम् । स्वर्गलोकमुपाश्नन्ति बहून्यब्दगणानि तु ।।
गौमाता को चराकर उन्हें जलाशय तक घुमाकर जल पिलाने से मनुष्य अनंत वर्षों तक स्वर्ग में निवास करता है।

इस सेवा कार्य से आने वाले समय में विश्व में कोई भी गौमाता जल के अभाव में कष्ट नहीं पाए और अपनी दु:खमय लीला को पूर्ण करके समय से पूर्व गोलोक नहीं पधारें। इसी भावना के अनुसार धेनु धारा फाउंडेशन निष्काम भाव से गौ-सेवा का कार्य करेगा।

Vision of Foundation:-
प्राचीन काल से ही भारत में गोधन को मुख्य धन मानते आए हैं और हर प्रकार से गौरक्षा, गौ-सेवा एवं गौ-पालन पर ज़ोर दिया जाता रहा है। हमारे हिन्दू शास्त्रों, वेदों में गौरक्षा, गौ महिमा, गौ-पालन आदि के प्रसंग भी अधिकाधिक मिलते हैं। रामायण, महाभारत, भगवद्गीता में भी गाय माता का का किसी न किसी रूप में  हर प्रसंग में पूजनीय उल्लेख मिलता है। गाय माता भगवान श्री कृष्ण को अतिप्रिय है। गौ  माता पृथ्वी का प्रतीक है। गौमाता में सभी देवी-देवता विद्यमान रहते हैं। सभी वेद भी गौमाता में प्रतिष्ठित हैं। 
[ वराह पुराण २०४-२०]
① इदमेवापरम् चैव चित्रगुप्तस्य भाषितम् । 
सर्वदेवमया देव्यः सर्ववेदमयास्तथा।। 
अर्थ :-  ( सूत जी महाराज शौनकादिक ऋषियों को कथा सुना रहे हैं)
(भगवान वाराह, माता पृथ्वी को कथा सुना रहे हैं)
चित्रगुप्त जी कहते हैं कि यह गौमाता स्वरूप देवीयाँ सर्वदेवमय और सर्ववेदमय है।

जो गौओं की सेवा करता है और सब प्रकार से उनका अनुगमन करता है, उस पर संतुष्ट होकर गौ माता उसे अत्यन्त दुर्लभ वर प्रदान करती हैं। जो मनुष्य जितेन्द्रिय और प्रसन्नचित्त होकर नित्य गौओं की सेवा करता है, वह समृद्धि का भागी होता है। गायों की सेवा से मनुष्य निर्मल और दुःख तथा शोकरहित श्रेष्ठ लोकों को प्राप्त करता है।
जो कोई भक्त भक्ति भाव से गो सेवा करता हैं, वो सब पापों से रहित हो जाया करते हैं।
वेद भगवान्‌ का निर्देश है कि यदि किसी को इस माया-राज्य में सब प्रकार का वैभव प्राप्त करना है, तो गौमाता की प्रमुख रूप से सेवा करे। 
अतएव मानवों को गौ माता की सेवा करने के वेद भगवान्‌ का आदेश हुआ। जो व्यक्ति सब प्रकार से अपना कल्याण चाहता हो, वह वेद भगवान्‌ के आदेश का पालन करें। 

अतः वेद भगवान के आदेश की पालना करते हुए गो से ही समस्त जगत का कल्याण संभव हैं, इस भाव को ध्यान में रखकर समस्त विश्व को गौ-सेवा के लिए प्रेरित करने के लिए धेनु धारा फाउंडेशन नामक गौ-सेवी संस्था का निर्माण किया गया है ताकि अधिक से अधिक धर्मपरायण लोग गौ-सेवा का  अधिकाधिक लाभ ले सके।

धेनु धारा फाउंडेशन के मुख्य उद्देश्य:-
1. शासन, समाज, धर्मात्मा श्रेष्ठीजन, और समर्थ संस्थाओं के सहयोग से विशेष अभावग्रस्त क्षेत्र में विशेष आवश्यकता होने पर गो चिकित्सालय में कूप की उपलब्धता सुनिश्चित करवाना। 

2. शासन, समाज, धर्मात्मा श्रेष्ठीजन, और समर्थ संस्थाओं के सहयोग से विशेष अभावग्रस्त क्षेत्र में विशेष आवश्यकता होने पर गो चिकित्सालय में 
खेली आदि जल संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करवाना। 

3. शासन, समाज, धर्मात्मा श्रेष्ठीजन, और समर्थ संस्थाओं के सहयोग से विशेष अभावग्रस्त गो चिकित्सालय में टेंकर आदि जल संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करवाना। 

धेनु धारा फाउंडेशन के अन्य सहायक उदेश्य :-
1. धेनु धाम फाउंडेशन के माध्यम से संचालित ३१ वर्षीय गो पर्यावरण और अध्यात्म चेतना पदयात्रा द्वारा देशभर में हो रहे गो महिमा प्रचार के माध्यम से धेनु धारा फाउंडेशन तक अभाव ग्रस्त क्षेत्र का पता लगाना 

2. दवा देवी फाउंडेशन के माध्यम से अभावग्रस्त जिन गो-चिकित्सालय में नि:शुल्क दवा वितरण का कार्य चल रहा है वहाँ जल आपूर्ति करवाना तथा उनके द्वारा किए जा रहे दवा वितरण के कार्य को  अभाव ग्रस्त क्षेत्र तक पहुंचाना।

3. दाता देवी फाउंडेशन के माध्यम से शासन, समाज, धर्मात्मा श्रेष्ठीजन, और समर्थ संस्थाओं के सहयोग से विशेष अभावग्रस्त क्षेत्र में विशेष आवश्यकता होने गो-चिकित्सालय का निर्माण करवाना तथा  वहाँ जल प्रबंधन देखना

4.  दाना देवी फाउंडेशन, के माध्यम से शासन, समाज, धर्मात्मा श्रेष्ठीजन, और समर्थ संस्थाओं के सहयोग से विशेष अभावग्रस्त क्षेत्र में विशेष आवश्यकता होने पर गो आहार/चारे का प्रबंध करवाना 

5. धेनु दर्शन फाउंडेशन, शासन, समाज, धर्मात्मा श्रेष्ठीजन, और समर्थ संस्थाओं के सहयोग से विशेष आवश्यकता होने पर संवर्धन केंद्र स्थापित करवाना।

6. दृष्टि देवी फाउंडेशन द्वारा हो रहे गो-सेवा हित साहित्य प्रकाशन के कार्यों के तहत जन-जागरण हेतु धार्मिक, चिकित्सकीय साहित्य प्रकाशन और वितरण कार्य में सहयोग करना।

7. ग्वाल शक्ति सेना (G.S.S) के माध्यम से गो चिकित्सालय के लिए शासन और समाज द्वारा भूमि आवंटन अथवा भूमिदान में आ रही समस्याओं का निराकरण करवाना 

 8. धेनु शक्ति संघ (d.S.S.) गो-सेवी महिला संगठन) के माध्यम से गो-चिकित्सालय के लिए शासन और समाज द्वारा भूमि आवंटन अथवा भूमिदान में आ रही समस्याओं का निराकरण करवाना। गो रक्षार्थ कानून बनवाने में और गो-रक्षा के कार्यों में शासन का सहयोग करवाना तथा बहनो को प्रेरित कर धेनु शक्ति संघ (d.S.S.) गो-सेवी महिला संगठन) से जोड़ना।

9. धेनु देवी फाउंडेशन के माध्यम से गौ चिकित्सालय में उचित वेतन पर श्रद्धावान चिकित्सक एंव बीमार गौमाता की सेवा के लिए उचित वेतन पर प्रशिक्षित श्रद्धावान ग्वाल की व्यवस्था करवाना तथा  गो आधारित शैक्षिक कार्यों के संचालन एंव परंपरागत गो चिकित्सा पद्धति विकसित करने मे सहयोग करना।

10. धेनु धरती फाउंडेशन के माध्यम से बैल और पञ्चगव्य आधारित ऋषि कृषि के कार्यों को  प्रचारात्मक सहयोग करना 

11. धेनु धन फाउंडेशन द्वारा संचालित ऋषि कृषि और पंचगव्य उत्पाद वितरण और विनियोग हेतु गो-चिकित्सालयों में विक्रय केंद्र स्थापित करवाना और प्रचारात्मक सहयोग करना 

12. गो चिकित्सालय हेतु गौ एंबुलेस उपलब्ध करवाने के लिए श्रीमंत संस्थाओं को और इस कार्य हेतु सांसद निधि का उपयोग करने के लिए विधायक, सांसद को प्रेरित करना।

13. धार्मिक केंद्र स्थापित करना।

14.  गौशाला निर्माण एवं संचालन करना।