गौमाता हमारे जीवनचर्या से लेकर मोक्ष तक, हमारी मूलभूत आवश्यकता की पूर्ति करती है* - डॉ.रमेशचंद पंवार,उपसंचालक *घर घर गाय, हर घर गाय,यही हमारा वास्तविक उद्देश्य बने*- स्वामी गोपालानंद सरस्वती
सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 327 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती जी ने बताया कि परम्परा से परंपरागत सेवा करना अत्यंत आवश्यक है। हमारे धर्मग्रन्थो में जिस नीति से बेलों की सेवा का उल्लेख आता है तो भगवान की प्राप्ति हो सकती है। हमारे पूर्वज खेती के कार्य हेतु बेलो को रखते थे। उनकी सेवा करते थे। और भगवत प्राप्ति का बेल की सेवा ही सशक्त माध्यम था। बड़ी जमीन है तो आधुनिक संसाधनों के उपयोग करें लेकिन बीजों की बुवाई का कार्य बेल द्वारा ही करवाना चाहिए।
महाराज जी ने आगे कहा कि समस्याएं चारों तरफ भयंकर है, गाय माताएं सड़कों पर है, दुर्घटनाएं खूब हो रही है, रोग से गोमाताए प्राण त्याग रही है, हमारी लापरवाही से गौमाता सड़कों पर आ रही है। इन सब का वास्तविक समाधान सिर्फ एक है कि हम लोग अपने अपने घर पर एक गोमाता रखे। गौशाला इसका समाधान नहीं है। जब तक गोमाता को हम अपने घर पर आदर पूर्वक स्थान नहीं देंगे, प्रेम से आहार नहीं करवाएंगे, उचित उपचार नहीं देंगे तब तक समाधान नहीं हो सकता। इसके लिए महान अभियान की आवश्यकता है "घर घर गाय, हर घर गाय" । जो सच्चे सनातनी है सच्चे हिंदू है, सच्चे राम और कृष्ण भक्त है उनको कुछ नियम बनाने पड़ेंगे कि हम लोग उन घरों में नहीं जाएंगे, उन घरों का जल नहीं पियेंगे, उन रिश्तेदारों के साथ व्यवहार नहीं करेंगे जो अपने घर गौवंश नहीं रखेगा। एक एक नंदी जिस दिन हर हिन्दू ने अपने घर रख लिया उसके बाद ही भारत की आबोहवा पवित्र होगी
आगर जिले के पशुपालन विभाग के नए उपसंचालक डॉक्टर रमेश चंद पंवार ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस एक वर्षीय गो कृपा कथा के माध्यम से पूरे देश में एक सकारात्मक संदेश जा रहा है। गौ माता हमारे जीवनचर्या से लगा कर मोक्ष तक, हमारी मूलभूत आवश्यकता से लेकर जीवन के अंत तक हमारे साथ है। इसके बिना हमारा उद्धार नहीं हो सकता। हम धन्य है कि हम जिस विभाग में सेवा दे रहे हैं हम सब का जो भरण पोषण हो रहा है वह सब गोमाता की सेवा के कारण ही हो रहा है।
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327 वें दिवस पर चंडीगढ़ से महंत गोविंदाचार्य जी महाराज,कानपुर से अमर चेतन जी महाराज,छत्तीसगढ़ रायपुर से जय जी तिवारी, विजय जी, सरिता जी,भगवान सिंह जी, गोविंद सिंह जी, किशन सिंह जी, सेमली से एवं गोअभयारण्य से डॉक्टर राहुल दांगी,डॉक्टर तृप्ति पुनवानी सुसनेर एवं झालावाड़ जिले के नाहर गट्टा से श्याम सिंह जी, एलकार सिंह जी अतिथि के रूप में उपस्थित रहें
*327वे दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश एवं राजस्थान से*
एक वर्षीय गोकृपा कथा के 327 वें दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के ग्राम होलखेड़ा से रामप्रसाद , फूलचंद , इंद्र सिंह ने सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।