Loading...


अपनी बेटियों को चांद का टुकड़ा न बनाकर सूरज का अंगारा बनाएं*- साध्वी आराधना गोपाल सरस्वती


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 331 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती ने बताया कि गौसेवा ही असल में भगवान की सेवा है,जिसका प्रभाव दिख भी रहा है और अभी हाल में दिल्ली की नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा जी गुप्ता ने भी अपने वक्तव्य में स्वीकार किया है कि मैं तो विधायक के रूप में जनता जनार्दन की सेवा करने आई थी लेकिन भगवती गोमाता ने ही उनकी सेवा करने के लिए मुझे मुख्यमंत्री का दायित्व सौंपा है और भारत की राजधानी दिल्ली में अब एक भी गोमाता निराश्रित नहीं रहें इसके लिए मैं पूर्ण सेवा भाव से कार्य करूंगी अर्थात दिल्ली की मुखिया की तरह भारत के हर राज्य के मुखिया इसी प्रकार की भावना रखकर गो सेवा में जुट जाएंगे तो मेरे देश की एक भी गोमाता निराश्रित नहीं रहेगी ।


स्वामीजी ने अतिथि के रूप में आंबादेह(बडौद) से पधारे रघुनाथ सिंह जी आर्य का अभिनन्दन करते हुए बताया कि आपने अपने विवाह में भाग लेने आई माता बहिनों को एक एक तलवार भेट कर एक इतिहास बनाया है और कहां कि आर्य साहब से प्रेरणा लेकर अन्यों को भी इस प्रकार का उपहार हमारी माता बहिनों को देनी चाहिए और आग्रह किया कि आपने जिन जिन माता बहिनों को तलवार भेंट की है उन्हें आगामी 02 अप्रैल से 10 अप्रैल 2025 तक विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में होने वाले आत्म रक्षा प्रशिक्षण शिविर में भेजिए ।


गोमाता की सेवा में नारीशक्ति की महत्ता के बारे में बताते हुए दाना देवी फाउंडेशन की प्रमुख साध्वी आराधना गोपाल सरस्वती दीदी ने बताया कि माताओं ने अपने परिवार के कर्तव्यों के साथ गोरक्षा का कर्तव्य भी निभाया है,
हालाकि समाज की छोटी सोच के कारण, माताओं को कमजोर माना है , पर माताएं कोमल हो सकती हैं पर किसी भी सूरत में कमजोर नहीं हो सकती और ईश्वर ने भी
 नारी और पुरुष को समान बनाया है, 
पर समाज में माताओं को पुरुषों से कम समझा है, और माताओं पर तरह-तरह की पाबंदियां लगा दी और 
पुरुषों को हर काम करने की स्वतंत्रता दी गई हैं
पर स्त्रियों को रीति रिवाज, संस्कारों का आश्रय बताकर उनपर तरह-तरह के प्रतिबंध लगा दिया जाता है और घर में बिठा दिया जाता है पर अब स्त्रियां भी अपने अधिकारों के प्रति
 जागरूक हो रही हैं क्योंकि अब माताएं भी पीछे नहीं है और जब जब आवश्यकता पडी तो माताओं ने भी पुरुषों के साथ खड़े होकर हर क्षेत्र में अपना योगदान एवं बलिदान दिया है भगवान राम मर्यादा राम बनते है तो वह प्रेरणा सीता माँ की ही थी,अहिल्या माता के साथ छल किया था इंद्र भगवान ने ,पर दंड भोगा माँ अहिल्या ने जिन्हें पत्थर बनना पड़ा ।
3. करणा देवी बड़ी सुंदर थी, अकबर का शासन काल, मीना बाजार लगता, माताएँ ही पुरुष नहीं ja सकते थे, जब अकबर महिला का वेश बनाकर पहुंचा, हाथ पकड़ा, समझी लात मारी, गिराया, और कटारी निकालकर गर्दन पर लगायी, अगर मन से माँ कहकर पुकारेंगे , और आगे से सभी बहन बेटियों को माँ बहन की दृष्टि से देखेगा तो छोड़ेगी, और बोला कि आप तो दुर्गा हो भवानी हो बोला tab छोड़ा इसी प्रकार पन्नाधाय ने अपने कर्तव्य का पालन करने के लिए अपने खुद के बेटे की प्राणों की आहुति दे डाली और इस प्रकार का त्याग एवं बलिदान एक नारी ही कर सकती हैं और ऐसा इतिहास कभी पुरुषों का नहीं रहा हैl साध्वी जी ने देश की माताओं से आग्रह किया कि है,माताओं आप अपनी बेटियों को चांद का टुकड़ा नहीं,सूरज की तरह ओजस्वी बनाओ,तेजस्वी बनाओ ताकि कोई उसकी तरफ़ आँखें उठाकर न देख सके और अब राष्ट्र रक्षा,,धर्म रक्षा के साथ देश की माता बहिनों को गो रक्षा में आगे आना पड़ेगा क्योंकि आज गौमाता को लोगों ने दूध पीकर दर दर भटकने के लिए छोड़ दिया है, भूख प्यास के कारण के कारण गौमाताओं के प्राण चले जाते हैं और देश में 80 हजार से अधिक गोवंश कसाइयों के चंगुल ने फंसकर कट रहा है , सनातन संस्कृति की मूल आधार भगवती गौमाताओं को बचाने के लिए आगे आना होगा और उसके लिए श्री गोपाल परिवार संघ ने धेनु शक्ति संघ रूपी माताओं के लिए संगठन बनाया है जिसमें देश की 5 हजार व्यसन मुक्त गो व्रती माताएं जुड़कर देश भर में एक करोड़ माताएं गो सेवा एवं गो रक्षा के लिए तैयार करेगी क्योंकि अब गोमाता को सर्वोच्च स्थान दिला पाएंगी।


331 वें दिवस पर भारतीय किसान संघ के चित्तौड़ प्रान्त संगठन मंत्री श्री परमानंद जी भाईसाहब, झालावाड़ जिला अध्यक्ष राधेश्याम गुर्जर एवं दैनिक आगाज ए चन्दन समाचार पत्र के संवाददाता मनीष जी राठौर सुसनेर आदि अतिथियो को उपरना एवं गोमाता की छवि देकर सम्मानित किया ।
 

*331 वे दिवस पर चुनरी यात्रा भारतीय किसान संघ एवं मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 331 वें दिवस पर चुनरी यात्रा भारतीय किसान संघ चित्तौड़ प्रान्त के संगठन मंत्री परमानंद जी एवं झालावाड़ जिलाध्यक्ष राधेश्याम गुर्जर एवं मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के उड़नखेड़ी से श्रीमती गीता बाई एवं सेठ श्रीनाथ जी अग्रवाल के परिवार व रामचंद्र पुष्पक,सर्जन सिंह पटेल एवं भोला आदि ने सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।