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गोमाता के दर्शन मात्र से जीवन उत्कृष्ट बन जाता है* - प्रकाश नाथ जी महाराज,वागड़


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 326 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती जी ने बताया कि अगर गौ सेवा है तो हमारे जीवन में निश्चित रूप से भक्ति की दिव्य धारा बहेगी। अगर गौ सेवा नहीं है तो असली भक्ति नहीं आ सकती। हम अगरबत्ती भी जलाएंगे, दिया भी जलाएंगे, देवी देवता के भी जाएंगे, सब कुछ करेंगे लेकिन भगवान नहीं मिलेंगे। भगवान तो तब ही मिलेंगे जब पहले गौ सेवा करके हम अपने मन को, अपने चित को निर्मल कर देंगे। 


 महोत्सव के 326 वें दिवस पर वागड़ के आदिवासी अंचल के गोप्रेमी संत प्रकाश नाथ जी महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहां कि 
जो गौमाता की शरण ले लेता है उसका सम्पूर्ण जीवन सफल हो जाता है। दूध के लिए गौमाता का दिव्य शरीर नहीं बना है इनका तो दर्शन मात्र ही पर्याप्त है जीवन को उत्कृष्टता की ओर ले जाने के लिए। जिसके जीवन में गौसेवा नहीं है उनके जीवन में हजारों बहाने होते है। 

सेवा सीखनी हो तो धन्ना भगत से सीखे। धन्ना भगत ने बुआई के लिए बचे बीजों को घर आए संतो को घर में अन्य अनाज नहीं होने के कारण उन्हीं बीजों का भोजन बना कर जिमा दिया। धन्ना के जीवन में कर्म प्रधान होने के कारण खेती के लिए बीज के अभाव में कंकड़ की बुवाई करी । कुछ समय बाद उन कंकड़ों से लहलाती फसल उगी। निष्काम भक्ति और समर्पण का यह बड़ा उदाहरण है।


*ध्यान फाउंडेशन कलकत्ता से श्री सुदर्शन जी कौशिक व उनके साथी अतिथि के रूप में उपस्थित रहें*

*326वे दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश एवं राजस्थान से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 326 वें दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश के आगर मालवा के रायना बडौद से शिव शंकर, शाजापुर जिले के मोहन बड़ौद से गौसेवा जिला संयोजक कमल रूपरिया झालावाड़ जिले के समराई से रमेश चंद्र कुलमी एवं कुराड़िया ग्राम की महिला मंडल ने सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।