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गाय माता है तो हम है इसलिए गो पालन जरूर करना चाहिए*-स्वामी हरिहर जी,आर्ट ऑफ लिविंग


सुसनेर। मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के उपसंहार उत्सव के तृतीय दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती जी महाराज ने बताया कि गोरक्षा शासन का कर्तव्य है लेकिन जब शासन अपने कर्तव्य का पालन न करें तो समाज को किसी न किसी रूप में उठ खड़ा होना होगा और उसके लिए प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं की आवश्यकता है क्योंकि गो रक्षा के नाम पर कुछ 2 % लोग 98%को बदनाम कर देते है अर्थात कुछ उपद्रवी लोग गोरक्षा की आड़ में तस्करी वाले वाहनों में तोड़ फोड़ एवं चोरिया कर गौसेवकों को समाज के सामने बदनाम करने में पीछे नहीं रहते इसलिए उन ग़लत लोगों से बचाव के लिए सात्विक लोगों को संगठन में शामिल कर एक विशाल संगठन खड़ा कर देश के राजा को याद दिलाना होगा कि 1857 की क्रांति से लेकर आज तक 168 साल बीत चुके लेकिन गो रक्षा के लिए कोई ठोस नीति नहीं बनाई इसके लिए लोकतंत्र में संख्याबल चाहिए क्योंकि लोकतंत्र में वोटतंत्र के लिए संख्याबल महत्त्वपूर्ण है और जिस दिन दिल्ली की सड़कों पर एक करोड़ लोग गो संकीर्तन करेंगे तो गोमाता को स्वत:सम्मान मिल जाएगा ।




*उपसंहार उत्सव के तृतीय दिवस आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक पूज्य श्री श्री रवि शंकर जी महाराज जी के कृपा पात्र शिष्य स्वामी हरिहर जी महाराज ने बताया कि गो अभयारण्य में यथार्थ दिख रहा है । गो के चार अर्थ हे ज्ञान ,गमन ,प्राप्ति एवं मोक्ष है और जीवन के चार पुरुषार्थ गो माता के साथ है।
गो सेवा से ही आत्म कल्याण है गो सेवा से ही राष्ट्र कल्याण है। लेकिन इसके लिए हमें संगठित रूप से यह बात रखनी होगी। क्योंकि संगठन में ही शक्ति होती है। गायमाता के बारे में बताना ब्रह्म यज्ञ है,गायमाता की आराधना देव यज्ञ,, गायमाता के शरीर में विराजित 33 कोटि देवता की सेवा से पितृ यज्ञ एवं भूत यज्ञ आदि पांच यज्ञ का फल गो सेवा से मिल जाता है। 
स्वामीजी ने आगे बताया कि मानसिक तनाव एवं अवसाद को मिटाने का सर्व श्रेष्ठ साधन गोमाता ही है अर्थात गंभीर से गंभीर बीमारी को गोमाता बचाती है यानि गो है तो हम है और गो नहीं है तो सनातन संस्कृति नहीं बचेगी और गो रक्षा के लिए आर्ट ऑफ लिविंग भी स्वामीजी के साथ तन, मन , धन से सहयोग करेगा ।

*उपसंहार उत्सव के चतुर्थ दिवस 2 अप्रैल बुधवार को काशी सुमेरु पीठाधीश्वर परम पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद जी सरस्वती जी महाराज का आशीर्वाद मिलेगा*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के उपसंहार उत्सव के दतृतीय दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान एवं मध्यप्रदेश के गो सेवक सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।