सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 302 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती जी महाराज ने मां नर्मदा के प्रकट दिवस पर बताया कि मां नर्मदा का उद्गम गंगाजी से भी पहले हुआ है और विश्व में नर्मदाजी एकमात्र ऐसी नदी है, जिसमें स्नान करने से ज्यादा दर्शन करने मात्र से पुण्य फल प्राप्त होता है. यही वजह है कि नर्मदा के हर कंकर को नर्वदेश्वर शिवलिंग कहा जाता है. इसी शिवलिंग को घरों में स्थापित करके पूजा की जाती है. वेद पुराणों के अनुसार, जिस घर में भगवान नर्मदेश्वर विराजमान रहते हैं,उस घर में कोई विघ्न नहीं आता है ओर मां नर्मदा की उस परिवार पर हमेशा कृपा बनी रहती है और मालवा एवं मध्यप्रदेश के भाई बहिन तो कितने भाग्यशाली है कि जिन मां नर्मदा जी की सभी 24 अवतारों ने स्तुति की है और जगतगुरू शंकराचार्य सहित धूणी वाले दादाजी,रामकृष्ण परमहंस जी के गुरुदेव तोतापुरी जी महाराज,गोविन्दपादचार्य जी के शिष्यों सहित अनेक तपस्वियों ने मां नर्मदा जी के तट पर तपस्या की है वह मां नर्मदा जी हमारे मध्य अविरल बहती हुई हमें दर्शन दे रही है बस गलतियां कुछ हुई है,जिसके कारण जो लाभ मध्यप्रदेश वासियों को मिलना चाहिए वह नहीं मिल पाया और वह लाभ लेने का वास्तविक तरीका एक ही है कि हम नर्मदा जी के किनारों को कब्जा मुक्त करके वहां भगवती गोमाता को विराजमान कर दे क्योंकि नर्मदा मैया और गैया मैया में गहरा सम्बन्ध है साथ ही मां के प्रकट दिवस पर हम मैया से भी प्रार्थना करते है कि है ! मां आपके तट पर गैया मैया विराजे साथ ही आपके दोनों तट पर जहरीली खेती बंद होकर गो आधारित कृषि हो ताकि आपके निर्मल पवित्र जल में जो रासायनिक खाद रूपी जहर प्रवेश नहीं करें बस यही सद्बुद्धि हम सबको दे।