Loading...


गोरक्षा,गौसेवा में मातृशक्ति आगे आ जाएं तो देश की दशा एवं दिशा दोनों बदल सकती है* - स्वामी गोपालानंद सरस्वती


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 314 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती जी महाराज ने बताया कि गोमाता के साथ बिताया हुआ जीवन अदभुत एवं अलौकिक होता है और यह एक वर्षीय गो कृपा कथा उसी का एक हिस्सा है,जिससे हम गायमाता को जाने उसे पुनः पहचाने क्योंकि इस भूतल में 99% लोग गायमाता को पशु अथवा जानवर मानते है और केवल एक प्रतिशत लोग ही गायमाता को माता मानते है जबकि हमारे धर्म ग्रंथों में अनेकों दृष्टांत जिसमें गाय को विश्व की माता मानने का उल्लेख है अर्थात गांवों विश्वस्य मातर: जिससे यह प्रतीत होता है कि गायमाता पशु नहीं है वह तो भगवान की भी भगवान है और जितनी महिमा भगवान ब्रह्मा ,विष्णु,महेश की नहीं है,उससे ज्यादा महिमा गैया मैया की है यानि गायमाता ही एक ऐसा माध्यम है जो शक्ति भी देती है ओर भक्ति भी देती है बस केवल एक शर्त है कि उसकी निष्काम भाव से सेवा की जाएं तो वह बदले में ज्ञान एवं भक्ति हमें उपहार में सहज मिल जाती है ।

 स्वामीजी ने नारीशक्ति का महत्त्व बताते हुए कहां कि इस संसार में मातृशक्ति ही एसी शक्ति स्वरूपा है जो स्वयं ऊर्जा लेकर ही इस धरती पर अवतरित होती है जबकि पुरुष तो धरती से ऊर्जा प्राप्त करता है, इसलिए अगर मातृशक्ति भारत के कृषि कार्य में अग्रणी हो जाएं तो भारत की कृषि जहर मुक्त होकर पुनः ऋषि कृषि की और बढ़ सकती है क्योंकि आदमियों में दया कम होती है और माताएं दयावान होती है यानि माताएं चींटियों को भी आटा डालती है और पुरुष ड्रम भरकर जहर को अपने खेतों में डालकर लाखों,करोड़ों जीवों को मारता है,इसलिए कृषि जगत में माताएं आगे आ जाएं तो भारतीय कृषि जगत में एक नई क्रान्ति आ सकती है और भारतीय कृषि जहर से मुक्त होकर पुनः गो आधारित ऋषि कृषि हो सकती है क्योंकि माताएं वचन की पक्की होती है और वे जो कहती है,वह करके दिखाती है,इसलिए गो रक्षा एवं गोसेवा क्षेत्र में अगर कोई न्याय कर पाएगी तो वह केवल माताएं ही कर पाएंगी और उसी दृष्टि से धेनु शक्ति संघ नामक मातृशक्ति संगठन का गठन किया है जिसके माध्यम से देशभर की 5000 माताएं जो पूर्ण गोव्रती होकर पूरे देश से एक करोड़ गोप्रेमी बहिनों को जोड़ेगी और इस संगठन को ज्योर्तिमठ के शंकराचार्य भगवान की कृपा पात्र शिष्या साध्वी पूर्णाम्बा जी दीदी श्रीविद्यामठ काशी का आशीर्वाद मिलेगा जिससे धेनु शक्ति संघ को नई ऊर्जा मिलेगी।
   
*भारतीय किसान संघ की मालवा प्रान्त की प्रान्त महिला प्रमुख वैशाली जी मालवीया ,चंद्रप्रकाश जी,इन्द्र सिंह जी,सुरेन्द्र सिंह जी राजस्थान टेक्सटाइल मिल भवानीमंडी आदि अतिथि उपस्थित रहें*



*314 वे दिवस पर चुनरी यात्रा गुजरात,राजस्थान एवं मध्यप्रदेश से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 314 वें दिवस पर चुनरी यात्रा गुजरात के कर्णावती 9से गुजरात के कर्णावती से गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा के न्यासी श्री पीयूष जी विठ्ठला बिछावाडी सांचौर हाल मुकाम अहमदाबाद गुजरात एवं इनके साथ पधारे श्री मदरूपा जी विठ्ठला,रमेश जी,नरेश जी ,ललित एवं प्रकाश जी व्यास दांतिया,हाल मुकाम अहमदाबाद,श्री राधाकृष्ण गोशाला कृष्ण नगर आला खेड़ी,तहसील डूगला(चित्तौड़गढ़) से गोपाल ,घनश्याम,दशरथ ,राजेश ,लक्ष्मीलाल ,रामनारायण ,मांगीलाल , पुरण मल ,भेरू लाल ,ओंकार व सुन्दर मेनारिया एवं रामलाल सुथार व मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के एकीकृत शासकीय माध्यमिक विद्यालय लसूडलया ( खेराज) की बालक बालिकाएं एवं स्टाफ व मन्दसौर जिले की गरोठ तहसील के एगड़ी ग्राम की महिला मण्डल ने अपने परिवार ,ग्राम,नगर की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।