Loading...


गोभक्ति का भाव जागृत करने के लिए 5000 युवक युवतियां देश भर में गो कथा करेंगे* -


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 264 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि भगवती गोमाता का चरित्र हम पिछले 263 दिन से सुन रहें है और आज 264 वा दिवस है और मौसम खराब होने के बावजूद भी आप लोग मां की महिमा सुनने के लिए पधारे है तो इसका स्पष्ट आशय है कि आपका गोमाता के प्रति प्रेम है और गोमाता के प्रति आपके प्रेम को बारम्बार वंदन है ।

स्वामीजी ने गो कथा सीख रहें श्रोताओं से आह्वान किया कि गो कथा के लिए स्वर,ताल एवं राग का महत्त्व नहीं है,गोकथा के लिए तो सिर्फ भावों का महत्त्व है,अगर हम भाव से बोलेंगे तो गो की सेवा का अभाव सनातन भाई बहनों के हृदय में आ गया है,वह समाप्त हो जाएगा और पुनः भाव बन जाएगा और देश में 5000 हजार गो कथा कहने वाले वक्ता तैयार हो जाएं और प्रत्येक वक्ता अपने जीवनकाल में 108 गो कथा भी करेगा तो भारत के गांव गांव में गोकथा हो जाएगी और उसके परिणाम स्वरूप हर घर ,हर दिल में गायमाता बस जाएगी ।
स्वामीजी ने धैर्य की महिमा बताते हुए कहां कि धैर्य इतना शक्तिशाली है कि रामजी से मिला सकता है,अगर आपके पास धैर्य है तो भगवान राम आपके पास आ जाएंगे क्योंकि शबरी के 120 वर्ष के धैर्य के कारण ही भगवान राम शबरी माता के घर आएं तो और शबरी माता को धैर्य उनकी गोभक्ति एवं गौसेवा से ही मिला है ,यानि धैर्य हर जगह,सब जगह रहें तो धैर्य सब कुछ प्रदान कर सकता है । संकटकाल में बड़े से बड़ा संकट आ जाएं,तब भी धैर्य का त्याग किसी भी स्थिति में नहीं करना चाहिए क्योंकि धैर्य रखने से संकट की स्थिति भी सुधार जाती है। धैर्य का बड़ा महत्व है अगर सुभद्रा थोड़ा सा धैर्य रख लेती और सोती नहीं और चक्रव्यूह की पूरी कहानी सुन लेती तो अभिमन्यु चक्रव्यूह से बाहर बाहर चला आता इसलिए जीवन में धैर्य खूब रखना चाहिए एक धैर्य ने ही तो शबरी के घर राम को ला दिया था और हमारा भी तो यही उद्देश्य है कि अगर मनुष्य जीवन मिला है तो राम मिल जाएं और राम मिल गया तो सदा सदा के लिए आराम हो जाएगा ।

*264 वे दिवस पर गुमानपुरा कोटा से हेमेंद्र सिंह राजावत एवं झालावाड़ जिले के ठिकाना हेमडा से भगवत सिंह सोनगरा एवं महेंद्र सिंह सोनगरा व 31 वर्षीय गो पर्यावरण एवं अध्यात्म चेतना पदयात्रा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भंवर लाल खारोल (गलवा, भीलवाड़ा) व गो कमांडो फोर्स के राष्ट्रीय संयोजक प्रहलाद राठौर चेचट अतिथि उपस्थित रहें*



*आंग्ल वर्ष 2024 की विदाई एवं 2025 की पूर्व संध्या 31 दिसम्बर 2024 मंगलवार को विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में भगवान श्री कृष्ण की नृत्य नाट्य लीलाओ एवं भजन संध्या का आयोजन होगा*

*264 वे दिवस पर चुनरी यात्रा पंजाब,मध्यप्रदेश एवं राजस्थान से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 264 वें दिवस पर चुनरी यात्रा पंजाब के लुधियाना से श्रीमती रानी देवी ने अपने पुत्र जितेन्द्र एवं मध्यप्रदेश के इन्दौर से श्रीमती संतोष शर्मा ने अपने पुत्र योगेश देवकीनंदन,पौत्र दिव्यांशु,पुत्री चेतना भरत शर्मा एवं दोहित सात्विक शर्मा झालावाड़ व 31 वर्षीय गो पर्यावरण एवं अध्यात्म चेतना पदयात्रा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भंवर लाल खारोल (गलवा, भीलवाड़ा) व गो कमांडो फोर्स के राष्ट्रीय संयोजक प्रहलाद राठौर चेचट ने अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।