गोमाता को सर्वोच्च स्थान दिलाने के लिए देश की युवा एवं मातृ शक्ति को आगे आना होगा*- राधावत्स जी महाराज *मालवा माटी के एवं मां सरस्वती के वरदपुत्र संत कमल किशोर जी नागर 09 मार्च को विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में आगमन* स्वामी गोपालानन्द सरस्वती
सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 333 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती ने बताया कि भगवती गायमाता की कृपा से सृष्टि है,लेकिन सृष्टि और सुखमय एवं सुरक्षित हो उसके लिए गायमाता की सेवा सुन्दर तरीके से होनी चाहिए,श्रेष्ठ एवं दिव्य रीति से हो इसके लिए द्वादश फाउंडेशन की रचना कर उन 12 फाउंडेशन के माध्यम से गायमाता को सात प्रकार "आहार,आश्रय, औषधि, आदर,आनन्द,आलिंगन एवं आजादी ये सब सुख मिले और सभी अपने अपने तरीके से। कार्य कर रहें है और प्रतिदिन किसी न किसी फाउंडेशन की विस्तृत चर्चा यहां करते है उसी क्रम में धेनु देवी फाउंडेशन के कार्य के बारे में बताते हुए कहां कि ये फाउंडेशन दो प्रकार से कार्य करता है, जिसमें से प्रथम सुप्रशिक्षित ग्वालों को प्रशिक्षण देकर उनमें गायमाता को सुखी रखने का भाव भरना और दूसरा चिकित्सा कर्मियों में श्रद्धा भाव वाली चिकित्सा का प्रशिक्षण दिलवाना और देशभर में जितनी भी गो पेथीया है उन गो प्रथीयों को गायमाता के उपचार का संग्रहरण करना और उसे सब तक पहुंचना और ग्वाल प्रशिक्षण की दृष्टि से प्रथम प्रशिक्षण विश्व के इस प्रथम गो अभयारण्य में हो चुका है और द्वितीय प्रशिक्षण मार्च के अंतिम सप्ताह से प्रारम्भ होगा ।


*स्वामीजी ने आगे बताया कि गोमाता की सेवा में सभी फाउंडेशन श्रेष्ठ कार्य करें उसके लिए मालवा माटी के एवं मां सरस्वती के वरदपुत्र एवं गौसेवक सन्त परम पूज्य कमल किशोर जी नागर विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में 09 मार्च रविवार को विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में आशीर्वाद देने के लिए पधार रहें है साथ ही उसी दिन मध्यप्रदेश,उत्तरप्रदेश एवं राजस्थान के 350 प्राकृतिक कृषि करने वाले 350 किसान भोपाल से पधार रहें है और उस दिन प्रातः 10 बजे से 04 बजे तक ऋषि कृषि सम्मेलन होगा साथ ही उस दिन महाशिवरात्रि पर्व पर जिन राधाकृष्ण युगल सरकार का विवाह हुआ था वे भी पहली बार गो अभयारण्य में फगफेरे के लिए पधारेंगे ।
भारत में गोमाता को सर्वोच्च स्थान मिले इसके लिए गोमाता की महिमा को बढ़ाने के लिए धेनु देवी फाउंडेशन के प्रमुख राधावत्स जी महाराज ने बताया कि जिस गायमाता को भगवान की भी भगवान माना है और शास्त्रों में भी गायमाता को विश्व एवं त्रिलोक की माता मानकर उसकी महिमा गाई है,उस देश में गायमाता के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है और अब समय आ गया है कि जिस प्रकार देश की आजादी के लिए सुभाषचंद बोस ने देश के युवाओं से खून के बदले आजादी देने की बात कही थी उसी प्रकार देश की गोमाता की रक्षा के लिए ग्वाल शक्ति सेना और धेनु शक्ति संघ में देश के नौजवान युवक एवं मातृशक्ति आगे आना होगा ।
*333 वें दिवस पर श्री कामधेनु गोपाल गोशाला सेवा संस्थान सुमेल के अध्यक्ष श्री सोहन लाल जी शर्मा,श्रीमति पुष्पा देवी,अजीत जी शर्मा,श्रीमती सीमा शर्मा,श्रीमती गायत्री जी दाधीचएवं लेफ्टिनेंट ऋषभ जी शर्मा व श्री बालाजी गौ सेवा धाम दतैङी पिलखुवा जिला हापुङ से गो प्रेमी अभय अग्रवाल,श्रीमती आकांक्षा अग्रवाल एवं लक्ष अग्रवाल व बद्रीलाल राठौर सलोतीया,राजेश कुमार राठौर पिड़ावा अतिथि उपस्थित रहें ।
*विगत दिनों उज्जैन पुलिस ने गो तस्करों को पकड़कर जो सबक सिखाया है उन सभी जांबाज पुलिस अधिकारियों को भी 09 मार्च को कथा के समय सम्मानित किया जाएगा जिसका आस्था चेनल के माध्यम से सीधा लाइव प्रसारण होगा*
*333 वे दिवस पर चुनरी यात्रा सिक्किम एवं उत्तरप्रदेश से*
एक वर्षीय गोकृपा कथा के 333 वें दिवस पर चुनरी यात्रा सिक्किम के भारत चाइना सीमा पर भारत माता की सेवा कर रहें लेफ्टिनेंट ऋषभ शर्मा,अपने दादाजी, दादीजी श्री सोहन लाल जी शर्मा,श्रीमति पुष्पा देवी,एवं अपने माता पिता अजीत जी शर्मा,श्रीमती सीमा शर्मा, व श्रीमती गायत्री जी दाधीच एवं उत्तरप्रदेश के हापुड़ जिले से आईआईटी इंजीनियर अभय अग्रवाल ने अपनी धर्मपत्नी आकांक्षा अग्रवाल एवं पुत्र लक्ष अग्रवाल के साथ सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।