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हमारे सम्पूर्ण जीवन का मूल आधार है गोमाता* - कैलाश चन्द, वरिष्ठ प्रचारक राजस्थान


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 315 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती जी महाराज ने बताया कि आज दो वीर दिव्य महापुरुषों का निर्वाण दिवस है जिसमें से वासुदेव बलवंत फडके जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारी थे जिन्हें आदि क्रांतिकारी कहा जाता है,दूसरा दक्षिण की झांसी की रानी कही जाने वाली रानी गिडालू या रानी गाइदिन्ल्यू भारत की नागा आध्यात्मिक एवं राजनीतिक नेत्री थीं जिन्होने भारत में ब्रिटिश शासन के विरुद्ध विद्रोह का नेतृत्व किया।

स्वामीजी ने बताया कि भारत ही नहीं वरन सम्पूर्ण विश्व में अनेकानेक वायरस का कुप्रभाव पड़ रहा है और अब तो हमारी ओजोन परत में भी छेद हो गए है ऐसा हमारे वैज्ञानिकों का मानना है इसका मूल कारण है पर्यावरण विशुद्धि और वायुमंडल को शुद्ध करने का सबसे श्रेष्ठ साधन गोमाता ही है और जहां वह मां"""""का उच्चारण करती है,उसी के स्वर से वातावरण शुद्ध हो जाता है और जहां जहां उसका गोबर गोमूत्र गिरता है वहां किसी भी वायरस का प्रभाव नहीं पड़ता है ।
315 वें दिवस पर राजस्थान क्षेत्र के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक कैलाश चन्द ने बताया कि जिन भगवान कृष्ण ने इच्छा की है कि मेरे आगे गाय,पीछे गाय,दाएं गाय,बाएं गाय रहें अर्थात गायमाता मैंरी हर प्रकार से सुरक्षा ही नहीं करें बल्कि मुझे हर प्रकार से आशीर्वाद प्रदान करें,जब भगवान गोमाता से यह अपेक्षा रखते है तो फिर हमारे लिए तो गोमाता की बड़ी भूमिका है ।
हम जानते है कि भारत कृषि प्रधान देश है और कृषि का मूल आधार गोमाता ही है और गोमाता गोमाता केवल कृषि का ही नहीं वरन हमारे सम्पूर्ण जीवन का मूल आधार है और यह एक वर्ष की गोमाता की महिमा हमारी गौसेवा से दूरी बढ़ी है उसी की राख हटाने का कार्य कर रही है ,क्योंकि हम सब जानते है कि गोमाता का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है लेकिन हम भूल जाते है,विस्मृत हो जाते है लेकिन इस प्रकार के आयोजन हमें पुनः स्मृत करवाते है कि हम अपने कर्तव्य की पूर्ति हेतु सकारात्मक रहें,सक्रिय रहें,गोमाता की सेवा में सदैव संवेदनशील रहें और गोमाता की सेवा का हम अधिकाधिक काम तभी कर सकते है,जब हम समय का प्रबंधन करें और इसके लिए हमें निरोगी एवं स्वस्थ रहना होगा और गोमाता की सेवा में रहेंगे तो सभी सुखी रहेंगे और सर्वे भवन्तु सुखिन...... एवं वसुदेव कुटुंबकम्,,,,,, यानि सारे संसार को परिवार मानकर सब सुखी रहें यह हमारे सनातन के विचार है और गोमाता की सेवा से हम ये सब पा सकते है ।

*315 वें दिवस पर श्री नितिन कासनीवाल शिक्षा संस्कृति उत्थान प्रान्त संयोजक जयपुर प्रान्त,मयंक रोहिला भारती भवन जयपुर,श्री प्रद्युम्न जी शास्त्री सालरिया,श्यामगढ़(मंदसौर), स्वामी सचमार्गी जी महाराज हरियाणा, लक्ष्मी नारायण जी खरोनिया प्रदेश अध्यक्ष,अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार सुरक्षा संगठनएवं राष्ट्रीय सचिव गो रक्षा प्रकोष्ठ,अजीत पटेल जिला अध्यक्ष, पवन जराटीया सचिव मानवाधिकार संगठन कोटा से ब्रजेश बैरागी,रामबलवान मीणा आदि अतिथि उपस्थित रहें*



*315 वे दिवस पर चुनरी यात्रा बिहार, हरियाणा एवं राजस्थान एवं मध्यप्रदेश से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 315 वें दिवस पर चुनरी यात्रा बिहार के दरभंगा से डॉ. परमानंद झा, डॉ.मंदाकिनी देवी,प्रीतेश दीक्षित,हरियाणा के हिसार जयवीर जी,साहिल जी,मीना देवी जी,शीला देवी मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले की जीरापुर तहसील के गोवर्धनपुरा से पूनमचंद जी पाटीदार पिता बाबूलाल जी पाटीदार अपने परिवार ,ग्राम,नगर की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।