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25 मार्च को सवा छः हजार गौमाताओं के मध्य गो अभयारण्य में अपना जन्मदिवस मनाएंगे प्रदेश के मुख्यमंत्री*- स्वामी गोपालानंद सरस्वती


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 342 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि मध्यप्रदेश के गौसेवक मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन जी यादव ने अपना जन्मदिवस मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित विश्व के प्रथम गो अभयारण्य सालरिया(आगर मालवा) में आगामी 25 मार्च 2025, मंगलवार पाप मोचनी एकादशी के पुण्य पर्व गो अभयारण्य में विराजित सवा छः हजार गौमाताओं को लड्डू प्रसाद खिलाकर अपना जन्मदिवस मनाने का एक सुन्दर एवं प्रेरणादाई निर्णय लिया है, जो प्रदेश के सभी जनमानस के लिए एक प्रेरणा बनेगा अर्थात एक प्रदेश का मुखिया अपना जन्मदिन गौमाताओं के मध्य मनाएं ये मध्यप्रदेश के लिए गौरव का विषय है कि भगवान कृष्ण के कुल में जन्मे राज्य के मुखिया के हृदय में भगवती गोमाता के प्रति अपार श्रद्धा है इसलिए उन्होंने अपना जन्मदिवस अभयारण्य में विराजित सवा छः हजार गौमाताओं के मध्य मनाने का सुन्दर निर्णय लिया है साथ ही महाराज जी ने बताया कि मुख्यमंत्री महोदय ने विगत दिनों मध्यप्रदेश की सभी गोशालाओं के गोवंश के चारे के लिए प्रति गोवंश 20 रुपए के बजाय 40 रुपए देने का जो निर्णय लिया था उसे भी 01 अप्रैल 2025 से सभी गौशालाओं को देने के लिए शासन द्वारा आदेश जारी कर दिया है जो प्रदेश के गोशाला संचालकों के लिए खुश खबरी है यानि प्रदेश के मुखिया द्वारा अपना जन्मदिन गौमाताओं के मध्य मनाना ये प्रदेश के लिए शुभ संकेत है और जब प्रदेश का मुखिया अपना जन्मदिन गौमाताओं के मध्य मनाता है तो मध्यप्रदेश में राम राज्य स्थापित होने के संकेत मिल रहें है क्योंकि भगवान राम ने स्वयं अपने भ्राता भरत को कहां था कि गायमाता के बिना राष्ट्र निर्माण नहीं हो सकता । 

 

*गोपाल परिवार संघ द्वारा गठित 12 फाउंडेशन में से धेनु शक्ति संघ के बारे में जानकारी देते हुए गोपाल परिवार संघ से बहिन करुणा गोपाल ने बताया कि गुरुदेव द्वारा नवगठित 12 फाउंडेशन गोमाता को आश्रय, आहार ,औषधि,आजादी,आनंद एवं आलिंगन मिले इसी के लिए यह गठित हुए है साथ ही ग्वाल शक्ति सेना एवं धेनु शक्ति संघ का पावन उद्देश्य गोमाता को तस्करों, दुःख पीड़ा, कष्ट से बचाकर उसे उचित आदर एवं सम्मान मिले साथ ही उनकी गोचर भूमि पुनः गौमाताओं के लिए संरक्षित हो और भगवती गोमाता को भारत में सर्वोच्च स्थान मिले तथा भारत भूमि पर गौहत्या पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगे इसके लिए जनजागृति करने के लिए उक्त दोनों संगठनों का गठन हुआ है क्योंकि गोमाता अपनी सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा करती है,गोमाता के संरक्षण से हम न केवल पर्यावरण की रक्षा करते है,अपितु कृषि की सुदृढ़ता को भी बढ़ाते है जिससे संपूर्ण राष्ट्र समृद्ध बनता है।
 बहिन करुणा गोपाल ने भारत के सभी पुरुषवर्ग एवं मातृशक्ति से आह्वान किया कि आप सभी अधिक से अधिक संख्या में गोसेवा से जुड़कर गोमाता के रक्षण के लिए आगे आएं तभी भगवती गोमाता को हम सर्वोच्च स्थान दिला पाएंगे ।

 राजकीय सेवा में अध्यापिका के पद पर रहकर गौसेवा के लिए अपने जीवन का सर्वच्च अर्पण करने वाली गो सेविका कृष्णा टांक (बाड़ी माता) ने अपने संबोधन में बताया कि गोमाता जगत जननी है और वह हमारी रक्षा करती है ,जिसके मन में एक बार गौसेवा का भाव जागृत हो जाएं तो वह अपना तन,मन,धन सभी गोमाता के लिए सर्वोच्च अर्पण कर देता है और हम सब जहां तक गोमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान नहीं मिले तब तक हमें गोमाता की सेवा में लगे जुटे रहना होगा क्योंकि गोमाता को पहले अपने घर की माता बनाना होगा उसके बाद ही हम राष्ट्र माता की कल्पना कर सकते है। 

*338 वें दिवस पर श्री अजय जंझी पत्रकार PTI आगर मालवा, श्रीअरुण एवं श्रीमती रजनी वाटल दिल्ली, रंगनाथ परचुरे,रमेश चन्द अलावा गरोठ एवं बाड़ी माता सेवा समिति के गोभक्त आदि अतिथि उपस्थित रहें*




*342 वे दिवस पर चुनरी यात्रा दिल्ली,राजस्थान एवं मध्यप्रदेश से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 342 वें दिवस पर चुनरी यात्रा दिल्ली से अरुण वाटल एवं श्रीमती रजनी वाटल ,राजस्थान के ब्यावर जिले की बिजयनगर तहसील की बाड़ी माता गो सेवा समिति के कार्यकर्ता एवं झालावाड़ जिले के डग से रमेशचंद प्रधान के परिवार व देहरिया से ब्रजमोहन गुप्ता, डोंगरगांव सोयत से राधेश्याम गुप्ता एवं मध्यप्रदेश के आगर जिले के गडबड़ा ग्राम के गोभक्त एवं मातृशक्ति अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।