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दैनिक समाचार



मध्यप्रदेश भी गोमाता को राज्यमाता घोषित करेगा* - लखन पटेल ,मंत्री गोपालन पशु पालन एवं डेयरी विभाग


भक्त
,श्री राधे कृष्ण गोशाला कृष्ण नगर आलाखेड़ी, चित्तौड़गढ़ राजस्थान से पधारे गो-भक्त
, ओसाव, पिडावा, राजस्थान, से पधारे गो-भक्त,भरत राठौर रामगंज mandi



 

*272 वे दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश एवं राजस्थान से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 272 वें दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश शासन की और से लखन जी पटेल राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पशुपालन एवं डेयरी विभाग, मध्यप्रदेश शासन एवं कपिल जी शर्मा प्रोजेक्ट हेड गो अनुसंधान रिचर्स फाउंडेशन भोपाल एवं श्री कामधेनु गोधाम खोजनखेड़ा ,श्री बाकेबिहारी गो सेवा समिति, अमरपुरा रामगंजमड, राकेश पंचाल आदि के परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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मध्यप्रदेश भी गोमाता को राज्यमाता घोषित करेगा* - लखन पटेल ,मंत्री गोपालन पशु पालन एवं डेयरी विभाग


भक्त
,श्री राधे कृष्ण गोशाला कृष्ण नगर आलाखेड़ी, चित्तौड़गढ़ राजस्थान से पधारे गो-भक्त
, ओसाव, पिडावा, राजस्थान, से पधारे गो-भक्त,भरत राठौर रामगंज mandi



 

*272 वे दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश एवं राजस्थान से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 272 वें दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश शासन की और से लखन जी पटेल राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पशुपालन एवं डेयरी विभाग, मध्यप्रदेश शासन एवं कपिल जी शर्मा प्रोजेक्ट हेड गो अनुसंधान रिचर्स फाउंडेशन भोपाल एवं श्री कामधेनु गोधाम खोजनखेड़ा ,श्री बाकेबिहारी गो सेवा समिति, अमरपुरा रामगंजमड, राकेश पंचाल आदि के परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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हर व्यक्ति गायमाता को अपनी मां समझने लग जाएं,तो गायमाता राष्ट्रमाता नहीं अपितु विश्वमाता होगी* - स्वामी गोपालानंद सरस्वती


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 275 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती जी महाराज ने गोबर की महिमा का वर्णन करते हुए बताया कि गोबर मिट्टी से निर्मित मकान सभी मौसम में अनुकूल होता है क्योंकि उसमें नमी के अवशोषण करने की क्षमता रहती है और खतरनाक विकिरणों से यह बचाता है ।

स्वामीजी ने आगे बताया कि अक्षर लोग कहते है कि गाय माता राष्ट्रमाता बने, यह तो होना ही चाहिए लेकिन गायमाता राष्ट्रमाता ही नहीं विश्वमाता हो क्योंकि गावो विश्वस्य मातर : का हमारे धर्म शास्त्रों में भी उल्लेख है लेकिन शुरुआत हमारी निज माता से होनी चाहिए क्योंकि किसी फूल से पैड पैदा नहीं हुआ, जड़ से ही पेड़ बनकर फूल आने के बाद फल लगा है इसलिए गायमाता मेरी माता हो यह पहले निश्चित करूं अर्थात मैं गायमाता को राष्ट्रमाता बनाने के लिए दिल्ली के जंतर मंतर पर आंदोलन तो कर रहा हूं लेकिन कोई पूछे की घर में गाय है तो मे कहूंगा वह तो नहीं है, और दूध ,दही, छाछ, घी भी मै डेयरी का या अन्य किसी पशु भेस, बकरी का उपयोग में ले रहा हूं और हम गायमाता को राष्ट्रमाता का अलाप कर रहें है तो यह ठीक नहीं है । जब तक कि गाय हमारी माता नहीं है और हम दुनियां की पंचायती करने चले कि गायमाता राष्ट्रमाता बननी चाहिए यह तभी संभव है जब प्रत्येक व्यक्ति गायमाता को अपनी मां समझने लग जाएं,सबसे पहले अपनी खुद की मां बने जो गोमाता राष्ट्रमाता करने की सोचता है वह सबसे पहले अपने आंगन में एक गायमाता बांधे और वह संकल्प करें कि मैं दूध,दही एवं घी गायमाता का ही लूंगा अन्य किसी पशु मवेशी के दूध ,दही घृत का उपयोग नहीं करूंगा इस प्रकार पहले स्वयं से फिर परिवार से उसके बाद अपने ग्राम ,तहसील,जिला एवं राज्य तक गो माता को अपनी माता मानने का क्रम बनेगा तो गोमाता भारत की ही नहीं अपितु विश्व माता के रूप में स्थापित हो जाएगी ।

*275 वें दिवस पर रामकथा वाचक विद्वान पं.,श्याम जी उज्जैन ने अपने उद्बोधन में बताया कि विश्व के इस गो अभयारण्य के दर्शन पाकर साक्षात ऋषि परम्परा के दर्शन का अहसास हुआ । त्रेतायुग से लेकर आज तक राक्षस प्रवृति के रावण जैसों ने सनातन संस्कृति के प्राण गायमाता पर आघात किया है इसलिए सनातन संस्कृति को बचाना है तो भगवती गोमाता का संरक्षण एवं संवर्धन जरूरी है और पूज्य महाराज जी का निरंतर एक वर्ष तक नियमित गोमाता की महिमा सनातन समाज में जनजागृति के एक मिशाल के रूप में कायम होगी* 

*गोविन्द गोशाला बकानी से श्री प्रदीप शृंगी,महेंद्र भंडारी,निलेश सेन, राहुल जुलानिया एवं अमित गुर्जर के साथ गोभक्त एवं चित्तौड़गढ़ जिले के रावतभाटा से ओमप्रकाश पूरी प्रखंड संयोजक बजरंग दल आदि अतिथि उपस्थित रहें ।

ग्वालशक्ति सेना के 5000 हजार पूर्ण गोव्रती कार्यकर्ता की टीम का निरन्तर विस्तार हो रहा है जिसमें छत्तीसगढ़ के दुर्ग निवासी सत्यव्रत राय को दुर्ग विभाग संयोजक, गौरव गोपाल धौलपुर जिला संयोजक, भगवान सिसोदिया मोखमपुरा,तहसील सह संयोजक सुसनेर,रामप्रसाद दांगी निम्बाहेड़ा 
-रायपुर तहसील सह सयोजक,गोरधन सिंह लोगड़ी प्रभारी आदि की ग्वाल शक्ति सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम गोपालगोपाल ब्रह्मचारी जी ने घोषणा कर उपरना पहनाकर बहुमान किया*

*275 वे दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश एवं राजस्थान से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 275 वें दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के करनवास निवासी रामकथा वाचक विद्वान पं.श्याम उज्जैन, पं. अनिल शर्मा नृसिंह गढ़ व राजगढ़ जिले के ही संस्कृत ग्राम झिरी से श्रीमती ब्रजबाला पांडे,कृष्ण बाई,केशर बाई,, लीला बाई एवं मंजू बाई के नेतृत्व में में ग्राम की महिला मंडल व राजस्थान के झालावाड़ जिले की पचपचपहाड़ तहसील के चंद्रपुरा ग्राम की और से श्योदान सिंह,रघुनाथ सिंह,भगवान सिंह,श्योदान सिंह,सज्जन सिंह,नाथू सिंह,उमराव सिंह,विजय सिंह एवं विक्रम सिंह अपने ग्राम की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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संघर्ष तो जीवन का श्रृंगार है* - स्वामी गोपालानंद सरस्वती


सुसनेर/ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 277 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती जी महाराज ने बताया कि संकट तो जीवन का श्रृंगार है ,जीवन में संघर्ष नहीं है तो जीवन की खूबसूरती भी नहीं है,जीवन का सौंदर्य, जीवन की सुंदरता संघर्ष में ही है,हमारे जीवन में जितना संघर्ष होगा उतना हमारा जीवन सुन्दर बनेगा यानि जिस व्यक्ति को जन्मते ही चांदी का चमच मुंह में मिले वह व्यक्ति संघर्ष नहीं देखता है तो उसके जीवन का सौंदर्य भी नहीं बढ़ता है , संघर्ष तो हमारा गहना है, हमारा श्रृंगार है और अन्तिम समय तक जहां संघर्ष बढ़ता है, वहां शक्ति बढ़ जाती है और शक्ति से ही भक्ति बढ़ती है ओर भक्ति से ही हमारा मन भगवान की तरफ जाता है , जिस व्यक्ति ने जीवन में कभी किसी प्रकार का संघर्ष नहीं किया उसको भगवान नहीं मिल सकते । इस संसार में ऐसा कोई भक्त नहीं है जिसने बिना संघर्ष के भगवान नहीं मिले । नरसी मेहता एवं मीरां बाई ने संघर्ष से ही भगवान को पाया है।
   स्वामीजी ने कहां कि संघर्ष से ही भगवान मिलेंगे, सुविधाओं से नहीं अगर हम सुविधाओं के पीछे भागेंगे तो दुविधाएं जीवनभर पीछे रहेगी और संघर्ष के पीछे भागेंगे तो शंकर हमारे पर कृपा करेंगे और कन्हैया से मिला देंगे ।

*ग्वाल शक्ति सेना में 5 हजार पूर्ण गोव्रती कार्यकर्ताओं की श्रृंखला में आज चेन्नई के गणेश सिंह राजपुरोहित को चेन्नई का संयोजक एवं राजस्थान के प्रतापगढ़ के एडवोकेट रमेश जी शर्मा को प्रतापगढ़ जिला एवं कैलाश माली को केकड़ी तहसील संयोजक के नियुक्ति की उद्घोषणा की*

*277 वें दिवस पर बागड़ क्षेत्र के बांसवाड़ा जिले के बागीदौरा से हंसमुख सोनी, कमल सोनी, बारां नगर से संजय राठौर,प्रेम यादव,जयप्रकाश शर्मा अपने परिवार सहित एवं कोटा जिले के चेचट से प्रह्लाद राठौर राष्ट्रीय संयोजक गो रक्षा कमांडो फोर्स, कोटा जिले के दरा रेल्वे स्टेशन के पास नवनिर्मित मुकुंद्रेश्वर गोशाला से विष्णु प्रजापति एवं सोयत क्षेत्र के श्रीपतपुरा के गोपालक चुन्नीलाल कुलमी आदि अतिथि उपस्थित रहें*

*277 वे दिवस पर चुनरी यात्रा झारखंड राज्य की और से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 277 वें दिवस पर चुनरी यात्रा झारखंड से संजय कुमार गुप्ता ने अपने राज्य की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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गोमाता के संरक्षण से ही भारत सोने की चिड़िया कहलाता था* -पूज्य स्वामी देवचरणदास स्वामीनारायण सम्प्रदाय


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 276 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती जी महाराज ने गोबर की महिमा का वर्णन करते हुए बताया कि भारत में जब मुगलकाल था उस समय गो हत्या पर पूर्ण प्रतिबन्ध था, अंग्रेजो के काल में कुछ गौहत्या होती थी लेकिन आजादी के समय तो गो हत्या को इतना बढ़ावा मिला कि आज प्रतिदिन 80 हजार गोवंश नित्य कट रहा है और भारत के सभी मत पंथ,सम्प्रदायों से आह्वान किया कि गोमाता की राजेश हम सभी संगठित होकर भारत की रीढ़ गोमाता के संरक्षण में जुटे।

*276 वें दिवस पर स्वामीनारायण सम्प्रदाय के पूज्य सन्त देवचरणदास जी महाराज ने अपने आशीर्वचन में बताया कि गोभक्ति ऐसी भक्ति है जिससे कभी थकान नहीं होती है बल्कि आनन्द की अनुभूति होती है और वह भक्ति निष्काम भाव से हो तो कामधेनु मैया। कोई कमी नहीं आने देती है और त्रेतायुग में तो भगवान राम सूर्यवंशी गौत्र से थे और अपने पीछे सूर्यवंशी लगा सकते थे लेकिन उन्होंने अपने आपको रघुकुल वंशी माना क्योंकि उनके पूर्वज राजा रघु भगवती नंदिनी गोमाता की कृपा से इस धरती पर अवतरित हुए है इसलिए उनके गौत्र से ही गौसेवा दृष्टिगोचर होती है इसी प्रकार कन्हैया तो गोपालक वंश यदुवंश में प्रकट होकर उन्होंने गौसेवा का पथ दिखाया है और इसलिए स्वामीनारायण सम्प्रदाय के जितने भी संस्थान है उन सभी संस्थानों में गौसेवा के प्रकल्प है और विश्व के इस प्रथम गो अभयारण्य से पूज्य स्वामी गोपालानंद सरस्वती जी ने गोरक्षार्थ जो एकादश आयाम का शुभारंभ किया है उसके लिए स्वामीनारायण संस्थान पूरा सहयोग करेगा क्योंकि गाय मनुष्य भी श्रेष्ठ है इसलिए तो भगवान परशुराम ने गो हत्यारों का इस धरा से नामोनिशान मिटाया ।
स्वामीजी ने आगे बताया कि इस संसार में मानवता को बचाने का एक मात्र माध्यम भगवती गोमाता ही है और गाय ही ऐसा माध्यम है जो सभी को एक मंच में ला सकती है और उसके लिए प्रत्येक सनातनी को गोमाता को दूध की जगह उसके गोमूत्र एवं गोबर जैसी अमूल्य निधि को पहचानने की जरूरत है क्योंकि भारत को सोने की चिड़िया कहलाने का मूल आधार गोमाता ही रहा है * 

*गुजरात से स्वामीनारायण संस्थान भुज से पूज्य देव चरण दास जी महाराज, पूज्य श्रीजीनंद जी महाराज ,पूज्य ब्रजबिहारी दास जी महाराज एवं रामजी भाई बडगांव, रवजी भाई वापी व नरेन्द्र भाई आनंद एवं सुसनेर नगर से राणा चितरंजन सिंह ,सरदार सिंह, राकेश कानूड़िया पार्षद ,ललित मोदी,विष्णु पाटीदार,फकीर मोहम्मद खान नेताजी, पप्पू कुरैशी, कयूम खान नगर अध्यक्ष कांग्रेस, मोसीन भाई, दीपक राठौर पत्रकार ,जुगल किशोर खंडेलवाल नलखेड़ा
आदि अतिथि उपस्थित रहें*
*सुसनेर नगर से पधारे पत्रकार एवं समाजसेवियों ने सुसनेर नगर के निराश्रित गोवंश को गो अभयारण्य लाने के लिए उनकी छाया व्यवस्था के लिए प्रति व्यक्ति एक चद्दर एक पाइप जिसका खर्च 2100 रुपए के 1100 भामाशाह के माध्यम से संग्रह कर मकर संक्रांति के पुण्य पर्व तक इस लक्ष्य को पूर्ण करने भरोसा दिया जिसका पूज्य महाराज जी ने सुसनेर के सभी गो प्रेमी भामाशाह का आभार जताया* 

*276 वे दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश एवं राजस्थान से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 276 वें दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश के सुसनेर नगर से प्रेस क्लब सुसनेर एवं न्यू आदर्श श्रमजीवी पत्रकार संघ की ओर से मुकेश हरदेनिया
अध्यक्ष प्रेस क्लब सुसनेर , गिरिराज बंजारिया
सचिव प्रेस क्लब सुसनेर, मनीष राठौर सदस्य प्रेस क्लब सुसनेर ,कपिल गर्ग प्रदेश अध्यक्ष न्यू आदर्श पत्रकार श्रमजीवी पत्रकार संघ, अर्पित हरदेनिया सदस्य प्रेस क्लब सुसनेर, गिरिराज शंकर श्रीवास्तव प्रदेश सचिव कायस्थ समाज मध्य प्रदेश, द्वारकादास लड्डा 
समाजसेवी सुसनेर एवं नीमच जिले के अल्हेड ग्राम के कैलाश माली के नेतृत्व में डग की महिला मंडल व राजस्थान के डग से सज्जन सिंह के नेतृत्व में महिला मंडल एवं राजसमंद के हुकमीचंद,सूरज सिंह,मीनू कुंवर ने नीमच जिले के अल्हेड़ अपने ग्राम की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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लोगों ने घर से गाय को निकाला है यह दुःख की बात नहीं ,बल्कि दुःख इस बात का है कि लोगों के हृदय से गाय निकली है* - आलोक सिंहल,मुख्यकारी अधिकारी,श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 272 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती जी महाराज ने गोमाता के गोबर की महिमा बताते हुए कहां कि भगवती गोमाता के गोबर में साक्षात यमुना जी एवं लक्ष्मी देवी विराजमान रहती है और भगवती गोमाता के गोमय से ही धरती माता को बचाया जा सकता है क्योंकि धरतीमाता को हमने रासायनिक खाद बनाकर बंजर बना दिया है ओर वह इन रासायनिक खाद एवं कीटनियंत्रको के कारण मृत सी हो गई है और हमने इन पर अंकुश नहीं लगाया तो धरती माता मृत हो जाएगी यानि उसकी उर्वरा शक्ति बिल्कुल नष्ट हो जाएगी और अब तो खाद बनाने वाली कम्पनियां भी कहने लग गई है कि अगर आपने यूरिया डीएपी के साथ गोबर की खाद नहीं डाली तो आपकी उपज धीरे धीरे कम हो जाएगी। 
*एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 273 वें दिवस पर श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा के कार्यकारी अधिकारी एवं ग्वाल शक्ति सेना के राष्ट्रीय सह संयोजक आलोक सिंघल ने बताया कि आजादी के बाद से भारत में गोवंश की अधिक दुर्दशा हुई है क्योंकि आजादी के पहले भारत में नाम मात्र के कत्लखाने थे लेकिन आजादी के बाद असंख्य कत्लखाने सरकार की अनुमति के बाद चल रहें है और उनसे कही गुना बिना अनुमति के चल रहें है जो भारत भूमि के लिए एक कलंक के रूप में हो गया है साथ ही दुःख इस बात का नहीं है कि लोगों ने घर से गाय को निकाला है बल्कि दुःख इस बात का है कि लोगों के हृदय से गाय निकली है।
    आज से 31 वर्ष पूर्व राजस्थान गुजरात सीमा पर 8 गोवंश जो कटने के लिए जा रहें थे उन्हें बचाने के लिए पथमेड़ा रूपी एक वटवृक्ष का बीजारोपण हुआ था जो आज अपनी 64 शाखाओं के माध्यम से 157000 से अधिक गोवंश की मातृत्व भाव से सेवा करने वाला विशाल वटवृक्ष बन गया है ।
श्री सिंहल ने बताया कि श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा एक गोशाला न होकर एक रचनात्मक कार्यों का केन्द्र है और भारत ही नहीं जहां जहां भी वेदलक्षणा गोवंश विराजित है वह सभी गोवंश पथमेड़ा अपनी मानता है ।


*273 वे दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश एवं राजस्थान से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 273 वें दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश एवं राजस्थान के : गुरलाई बांध शाजापुर से विश्वकर्मा परिवार बडौद से सोनी परिवार एवं टोकडा गाँव से की महिला मंडलकी और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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