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दैनिक समाचार



9 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश में एक से दो लाख गोवंश ठंड में सड़कों पर भटक रहा है


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 267 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने की शून्य से शिखर पर पहुंचना चाहे तो उसके लिए यमुनाबाई वाईकर से प्रेरणा लेनी चाहिए आज उनका जन्मदिवस है जो एक भारतीय लोक कलाकार थीं। वह लावणी और तमाशा की मराठी लोक परम्पराओं में अपनी विशेषज्ञता के लिए जानी जाती हैं , इन्हें यमुनाबाई विक्रम जवले के नाम से भी जाना जाता हैं । सन 2012 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मश्री के चौथे सर्वोच्च भारतीय नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
आज ही के दिन सरदार वल्लभभाई पटेल के दाहिने हाथ कहें जाने वाले केरल निवासी राऊ बहादुर बालप्पा का निर्वाण दिवस है जिन्होंने देश में राज्यों के एकीकरण में सरदार वल्लभभाई पटेल का सहयोग किया था ।
 स्वामीजी ने बताया कि भारत को एकीकरण करने का सबसे बड़ा माध्यम गोमाता ही है क्योंकि हम अलग अलग राज्यों मेंख अलग भाषाओं में बंट गए है,लेकिन सम्पूर्ण भारत में एक भाव बचा है वह है गाय हमारी माता है और जब पूरा भारत एक स्वर में स्वीकार कर लेंगे कि गाय हमारी माता है तब हम अपने आप एक हो जाएंगे क्योंकि हर भारत वासी गोमाता का पुत्र बन जाएंगे तो अपने आप स्वत:राष्ट्र का एकीकरण हो जाएगा। हालांकि कहने में तो कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारत एक है ,लेकिन विचारों से व्यवहारों से एवं कानून के दायरों से भारत खण्ड खण्ड बंटा हुआ है इन परिस्थितियों में इसको एक करने का एक ही तरीका है वह है धेनु शरणम् गच्छामि....अर्थात गायमाता की शरण ले ले तो सब कुछ ठीक हो सकता है बस हम सब एक स्वर में कह दे कि हम सब गायमाता के पुत्र है तो कुछ भी शेष नहीं बचेगा ।
 स्वामीजी ने दुःख प्रकट हुए बताया कि मध्यप्रदेश में 9 करोड़ की जनसंख्या है और सड़क पर मात्र एक से दो लाख निराश्रित गोवंश है अगर अपने आपको गोभक्त मानने वाला एक एक निराश्रित गोवंश को अपने घर में बांध ले तो मध्यप्रदेश की सड़कों पर एक भी निराश्रित गोवंश नहीं घूमेगा और अतिथि के रूप में पधारे उज्जैन संभाग के पशुपालन एवं डेयरी विभाग के कार्यवाहक संयुक्त संचालक एवं आगर मालवा के उपसंचालक हरि वल्लभ जी त्रिवेदी जी से पूज्य महाराज जी ने आग्रह किया कि आगर मालवा की सड़कों पर इस कड़कड़ाती ठंड में एक भी गोवंश सड़कों पर नहीं रहें इसके लिए आपके जिले में स्थापित विश्व के इस प्रथम गो अभयारण्य में ठंड से बचाव के लिए अस्थाई आवास की व्यवस्था कर देंगे तो गो अभयारण्य प्रबंधन आगर मालवा जिले की सड़कों पर एक भी गोवंश को ठंड से नहीं मरने देगा और हम एक सप्ताह के अन्दर 6000 से 10,000 गोवंश की सेवा करेंगे बस आप ठंड के बचने के लिए छाया हेतु त्रिपाल की ही व्यवस्था करवा दीजिए साथ ही श्रद्धालुओं से भी आह्वान किया कि आज हम आंग्ल वर्ष 2024 को विदाई दे रहें है और कल से 2025 में प्रवेश करने वाले है । आज का दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है अर्थात 2024 में हमारे जीवन में जो जो कमियां रहीं है उन्हें सुधारने के लिए हमारे लिए 2025 का वर्ष शुरू हो रहा है और आज ही हम सड़कों में घूम रहें निराश्रित गोवंश को ज्यादा नहीं तो कम से हम दो माह बांधकर उनकी सेवा करेंगे तो इससे बड़ा कोई पुण्य हो ही नहीं सकता यानि आपके घर में स्वयं कन्हैया गोकुल से आपके घर आ जाएंगे। 

*267 वे दिवस पर दिल्ली से श्रीमति ऊषा प्रदीप गर्ग, श्रीमति नीतू यशपाल गुप्ता,प्रमोद कुमार,रवींद्र कुमार , डॉ. हरि वल्लभ त्रिवेदी, संयुक्त संचालक पशुपालन विभाग,पेंशनर समाज आगर के अध्यक्ष राधारमण पंड्या,,युवराज राठौर डाबी,छीतरमल राठौर कनवास,परशुराम राठौर कोटा, गणेश गोशाला चिपया के उपाध्यक्ष भगवान सिंह, भा.कि.संघ आगर जिला उपाध्यक्ष राघु सिंह ,कालूराम प्रजापति,त्रिलोक राठौर,सुरेश राठौर डाबी आदि अतिथि उपस्थित रहें*




*267 वे दिवस पर चुनरी यात्रा दिल्ली,राजस्थान एवं मध्यप्रदेश से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 267 वें दिवस पर चुनरी यात्रा दिल्ली के ने
 अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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गोमाता रहेगी तो स्वस्थ तन एवं स्वस्थ मन रहेगा* -


मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 265 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि भगवान को रामायण सीरियल के माध्यम से जन जन तक पहुंचाने वाले रामानन्द जी सागर का आज ही के दिन 29 दिसम्बर 1917 को लाहौर के नजदीक असल गुरु नामक स्थान पर एक धनाढ्य परिवार में हुआ था। उन्हें अपने माता पिता का प्यार नहीं मिला, क्योंकि उन्हें उनकी नानी ने गोद ले लिया था। पहले उनका नाम चंद्रमौली था लेकिन नानी ने उनका नाम बदलकर रामानंद रख दिया। 16 साल की अवस्था में उनकी गद्य कविता श्रीनगर स्थित प्रताप कालेज की मैगजीन में प्रकाशित होने के लिए चुनी गई। युवा रामानंद ने दहेज लेने का विरोध किया जिसके कारण उन्हें घर से बाहर कर दिया गया लेकिन उन्होंने बंटवारे को दर्द को सहकर पाकिस्तान से भारत आएं और उन्होंने संघर्ष कर रामायण जैसे अनेक धार्मिक टीवी सीरियल बनाकर भारत के जन जन के हृदय में भगवान राम को पहुंचाया। 
स्वामीजी ने आगे बताया कि देश में जो बीमारियों की फैक्टरी खुली है वह गो की कमी के कारण खुली है। पहले जिला स्तर पर एक हॉस्पिटल हुआ करता था और एक हॉस्पिटल तहसील स्तर पर हुआ करता था और पंचायत स्तर पर तो पहले सप्ताह में एक बार साईकिल लेकर मलेरिया की दवाई देने जाया करते थे और अब तो छोटे छोटे से गांव में ही डॉक्टर बैठने लग गया है और ये सब हुआ है गोमाता की कमी के कारण क्योंकि जैसे ही गोमाता की कमी हुई त्यों त्यों देश के जनमानस को अनेक बीमारियों ने जकड़ लिया और यही स्तिथि रहीं तो फिर तो प्रत्येक घर को अपना अपना डॉक्टर रखना होगा क्योंकि गोमाता से दूरी होने के कारण हम रासायनिक खादों से उत्पादित अन्न एवं मिलावटी सामग्री का उपयोग करने लग गए जिसके कारण प्रत्येक मनुष्यों को अनेक प्रकार की बीमारियों ने जकड़ लिया है ।
महाराज जी ने बताया कि जब घर में गाय रहेगी तो तन भी स्वस्थ रहेगा और मन भी स्वस्थ रहेगा क्योकि स्वस्थ तन तो मन भी स्वस्थ रहेगा ।यानि जिस मन्दिर में मूर्ति है उस मन्दिर का भी ध्यान रखना पड़ता है क्योंकि मन्दिर का ध्यान नहीं रखा तो फिर मूर्ति में भी निर्जीवता आ जाएगी उसी प्रकार हमारा शरीर भी आत्मा रूपी भगवान का मन्दिर है ,इसलिए शरीर स्वस्थ नहीं रहा तो हमारा मन एवं आत्मा दोनों कुत्सित हो सकती है ,इसलिए गोमाता के साथ रहने से स्वस्थ शरीर के साथ हमारे जीवन में नकारात्मकता नहीं रहेगी

*265 वे दिवस पर महाराष्ट्र मुंबई से श्रीमती इंद्रा जयेश दायमा, श्रीमती कविता शर्मा,सुमन राजीव त्रिपाठी,श्रीमती नीता कैलाश शर्मा,श्रीमती मधु विश्वास म्हात्रे,श्रीमती सूनिता अग्रवाल ,श्रीमती मंजू राजेश दाधीच गायत्री गोशाला परिवार मुंबई एवं देवेंद्र जोशी कुशलगढ़ बांसवाड़ा आदि अतिथि उपस्थित रहें*
*विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महोत्सव के लिए आयोजन समिति के सदस्यों ने उज्जैन प्रवास में पधारी प्रखर राष्ट्रवादी ओजस्वी वक्ता पूज्या साध्वी ऋत्मभरा जी एवं राजस्थान में डग कस्बे में भागवत कथा कर रहें पूज्य महामंडलेश्वर श्री उत्तम स्वामी जी महाराज उत्तमधाम बांसवाड़ा को आमंत्रण देकर महामहोत्सव में आने का आग्रह किया और पूज्या साध्वी ऋत्मभरा जी एवं पूज्य महामंडलेश्वर श्री उत्तम स्वामीजी ने शीघ्र गो अभयारण्य में चल रहें महामहोत्सव में आने की सहमति दी*


*आंग्ल वर्ष 2024 की विदाई एवं 2025 की पूर्व संध्या 31 दिसम्बर 2024 मंगलवार को विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में भगवान श्री कृष्ण की नृत्य नाट्य लीलाओ एवं भजन संध्या का आयोजन होगा*



*265 वे दिवस पर चुनरी यात्रा महाराष्ट्र के मुम्बई एवं राजस्थान से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 265 वें दिवस पर चुनरी यात्रा महाराष्ट्र के मुम्बई महानगर में स्थित गायत्री गोशाला परिवार से श्रीमती इंद्रा जयेश दायमा, श्रीमती कविता शर्मा,सुमन राजीव त्रिपाठी,श्रीमती नीता कैलाश शर्मा,श्रीमती मधु विश्वास म्हात्रे,श्रीमती सुनिता अग्रवाल ,श्रीमती मंजू राजेश दाधीच एवं राजस्थान के बांसवाड़ा जिले की कुशलगढ़ तहसील के देवेंद्र जोशी ने अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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गोभक्ति का भाव जागृत करने के लिए 5000 युवक युवतियां देश भर में गो कथा करेंगे* -


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 264 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि भगवती गोमाता का चरित्र हम पिछले 263 दिन से सुन रहें है और आज 264 वा दिवस है और मौसम खराब होने के बावजूद भी आप लोग मां की महिमा सुनने के लिए पधारे है तो इसका स्पष्ट आशय है कि आपका गोमाता के प्रति प्रेम है और गोमाता के प्रति आपके प्रेम को बारम्बार वंदन है ।
स्वामीजी ने गो कथा सीख रहें श्रोताओं से आह्वान किया कि गो कथा के लिए स्वर,ताल एवं राग का महत्त्व नहीं है,गोकथा के लिए तो सिर्फ भावों का महत्त्व है,अगर हम भाव से बोलेंगे तो गो की सेवा का अभाव सनातन भाई बहनों के हृदय में आ गया है,वह समाप्त हो जाएगा और पुनः भाव बन जाएगा और देश में 5000 हजार गो कथा कहने वाले वक्ता तैयार हो जाएं और प्रत्येक वक्ता अपने जीवनकाल में 108 गो कथा भी करेगा तो भारत के गांव गांव में गोकथा हो जाएगी और उसके परिणाम स्वरूप हर घर ,हर दिल में गायमाता बस जाएगी ।
स्वामीजी ने धैर्य की महिमा बताते हुए कहां कि धैर्य इतना शक्तिशाली है कि रामजी से मिला सकता है,अगर आपके पास धैर्य है तो भगवान राम आपके पास आ जाएंगे क्योंकि शबरी के 120 वर्ष के धैर्य के कारण ही भगवान राम शबरी माता के घर आएं तो और शबरी माता को धैर्य उनकी गोभक्ति एवं गौसेवा से ही मिला है ,यानि धैर्य हर जगह,सब जगह रहें तो धैर्य सब कुछ प्रदान कर सकता है । संकटकाल में बड़े से बड़ा संकट आ जाएं,तब भी धैर्य का त्याग किसी भी स्थिति में नहीं करना चाहिए क्योंकि धैर्य रखने से संकट की स्थिति भी सुधार जाती है। धैर्य का बड़ा महत्व है अगर सुभद्रा थोड़ा सा धैर्य रख लेती और सोती नहीं और चक्रव्यूह की पूरी कहानी सुन लेती तो अभिमन्यु चक्रव्यूह से बाहर बाहर चला आता इसलिए जीवन में धैर्य खूब रखना चाहिए एक धैर्य ने ही तो शबरी के घर राम को ला दिया था और हमारा भी तो यही उद्देश्य है कि अगर मनुष्य जीवन मिला है तो राम मिल जाएं और राम मिल गया तो सदा सदा के लिए आराम हो जाएगा ।

*264 वे दिवस पर गुमानपुरा कोटा से हेमेंद्र सिंह राजावत एवं झालावाड़ जिले के ठिकाना हेमडा से भगवत सिंह सोनगरा एवं महेंद्र सिंह सोनगरा व 31 वर्षीय गो पर्यावरण एवं अध्यात्म चेतना पदयात्रा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भंवर लाल खारोल (गलवा, भीलवाड़ा) व गो कमांडो फोर्स के राष्ट्रीय संयोजक प्रहलाद राठौर चेचट अतिथि उपस्थित रहें*



*आंग्ल वर्ष 2024 की विदाई एवं 2025 की पूर्व संध्या 31 दिसम्बर 2024 मंगलवार को विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में भगवान श्री कृष्ण की नृत्य नाट्य लीलाओ एवं भजन संध्या का आयोजन होगा*

*264 वे दिवस पर चुनरी यात्रा पंजाब,मध्यप्रदेश एवं राजस्थान से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 264 वें दिवस पर चुनरी यात्रा पंजाब के लुधियाना से श्रीमती रानी देवी ने अपने पुत्र जितेन्द्र एवं मध्यप्रदेश के इन्दौर से श्रीमती संतोष शर्मा ने अपने पुत्र योगेश देवकीनंदन,पौत्र दिव्यांशु,पुत्री चेतना भरत शर्मा एवं दोहित सात्विक शर्मा झालावाड़ व 31 वर्षीय गो पर्यावरण एवं अध्यात्म चेतना पदयात्रा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भंवर लाल खारोल (गलवा, भीलवाड़ा) व गो कमांडो फोर्स के राष्ट्रीय संयोजक प्रहलाद राठौर चेचट ने अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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गो के लिए आजादी की लड़ाई लड़ने वाले देश में अभी भी गौहत्या हो रही है


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 263 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि आज ही के दिन भारतीय सैनिक और नोबेल पुरस्कार विजेता अल्बर्ट एक्का का जन्म हुआ है ,जिनकी 1971 के भारत पाक युद्ध में विजयश्री दिलाने में अहम भूमिका रही है अर्थात उन्होंने भारत माता की रक्षा हेतु मात्र 28 वर्ष की आयु में बलिदान हो गए थे। 
अंतराष्ट्रीय महामारी तैयारी दिवस पर पूज्य महाराज जी ने बताया कि जब जब लोगों का व्यवहार,लोगों का विचार,लोगों का जीवन जीने का तरीका प्रकृति के अनुकूल न होकर विकृति की तरफ बढ़ जाता है,तब तब महामारी पैदा होती है अगर हम संस्कार से रहें प्रकृति के साथ सामंजस्य मिलाकर चले,सभी जीवों का समान रूप से आदर दे,हम किसी को कष्ट न दे तो फिर महामारी कैसे आ सकती है और ये सब भगवती गोमाता की शरणागति से ही आ सकता है जिसका कोरोनाकाल का प्रत्यक्ष उदाहरण है,अर्थात कोरोना के समय गौसेवा करने वाले किसी भी गोशाला के ग्वाल को कोई कष्ट नहीं हुआ ,इसलिए वैश्विक महामारी तैयारी दिवस पर मै सभी देशवासियों से आह्वान करता हूं कि प्रत्येक परिवार अपने घर पर एक एक गोमाता की सेवा कर लीजिए ,हमारे जीवन में किसी भी प्रकार की महामारी हमारे जीवन में नहीं आएगी। 
स्वामीजी ने बताया कि आज सड़के बनने से ही हम देश का विकास मान बैठे है,जबकि सर्व भूमि गोपाल की है और सरकार इस पर सड़क बना रही है,तो गो की रक्षा के लिए नीति निर्धारित करना भी सरकार का काम है,एक गोमाता के प्राण जाने का अपराध शासक एवं वाहन चलाने वाले दोनों पर लगता है इसलिए सड़क पर तेजगति वाहन चलाने से सड़क पर हुई गोवंश की हत्या के लिए सरकार को कड़ा कानून बनाकर उन्हें कठोर सजा देने का प्रावधान होना चाहिए। 

स्वामीजी ने आगे बताया कि अगर हमें गो हत्या के पाप से बचना है तो जब तक भारत में गौहत्या का कानून नहीं बन जाएं तब तक हमें वोटो का बहिष्कार करना होगा अर्थात जब तक भारत भूमि से गौहत्या का कलंक नहीं मिट जाता या इसके लिए कटिबद्ध होकर कोई भी सरकार ईमानदारी से प्रयत्न नहीं करती तब तक हम किसी को वोट नहीं देंगे ऐसा दृढ़ संकल्प हमे लेना होगा क्योंकि आजादी लड़ाई के लिए 1857 की क्रांति में जो बिगुल बजा था वह मेरे देश में गौहत्या पर रोक लगे उसकी के लिए हुआ था और सरदार वल्लभभाई पटेल की आत्मा अन्तिम समय तक यही कह के गई कि ये विदेशों में कपड़े धुलाने वालो जरा गायमाता की हत्या पर तो प्रतिबंध लगा दीजिए यह कहकर गई थी लेकिन न उनसे कुछ हुआ न इनसे कुछ हुआ ।


*आंग्ल वर्ष 2024 की विदाई एवं 2025 की पूर्व संध्या 31 दिसम्बर 2024 मंगलवार को विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में भगवान श्री कृष्ण की नृत्य नाट्य लीलाओ एवं भजन संध्या का आयोजन होगा*

*263 वे दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश के आगर मालवा से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 263 वें दिवस पर चुनरी यात्रा भारत विकास परिषद् आगर मालवा के प्रांतीय सदस्य राजेश कुमार में के परिवार की और उनके पिताश्री बृजमोहन पत्नि सविता देवी बहिन उषा एवं पुत्री गरिमा खंडेलवाल व नाती नातिन सहित अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए चार चार संतान पैदा करें हर सनातनी*


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 262 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि आज ही के दिन सिखों के 10 वें गुरु गोविन्द सिंह जी के 4 बेटों को मुगल तानाशाह औरंगजेब के सेनापति वजीर खान ने शहीद कर दिया था। चारों बेटों, जिन्हें साहिबजादे भी कहा जाता है, ने धर्म परिवर्तन करने के बजाय बलिदान देना चुना। 26 दिसंबर को साहिबजादों जोरावर सिंह और फतेह सिंह की शहादत को याद किया जाता है, जिनकी उम्र छह और नौ साल थी और उनकी याद में आज पूरा देश वीर बालक दिवस मनाता है ।
ब्रिटिश काल में एक दीक्षांत समारोह में बंगाल के अंग्रेज कमिश्नर को गोली मारने वाली बहादुर क्रांतिकारी बीना दास जी का निर्वाण , क्रांतिकारी भूपेन्द्रनाथ दत्त एवं संयुक्त पंजाब के मुख्यमंत्री रहें गोपी चन्द भार्गव का निर्वाण दिवस एवं 26 दिसंबर 1899 को पंजाब के संगरूर में सरदार उधम सिंह जन्मे थे,ये वही क्रांतिकारी थे जिन्होंने आजादी की लड़ाई के जलियांवाला बाग नरसंहार के उत्तरदायी जनरल डायर को ब्रिटेन के लंदन में जाकर गोली मारी थी।
स्वामीजी ने कहां कि चारों पुत्रों के बलिदान हो जाने के बाद भी गुरु गोविन्द सिंह झुके नहीं और हम तो सभी भारतीयों से आह्वान करते है कि हम भी गुरु गोविन्द सिंह जी की तरह चार चार संतान पैदा कर एक संतान सनातन धर्म की रक्षा के लिए समर्पित करें हालांकि हमारे नीति निर्धारकों ने हमारे साथ छलावा कर हम दो हमारे दो अथवा एक का नारा देकर हमारे साथ धोका किया है हम उनकी बात तभी माने जब देश के सभी पंथ मजहब के लोग उसका पालन करें और आश्चर्य तो तब होता है कि हमारे नीति निर्धारकों की चाल से एक पंथ विशेष के लोग जो आजादी के समय 2 से 3 प्रतिशत थे आज वे 17 प्रतिशत से ऊपर हो गए है हमें किसी पंथ विशेष से कोई आपत्ति नहीं है आपत्ति है उनके गलत कार्यों से। अगर हिन्दू इसी तरह से घटते रहें तो फिर हमारा सफ़ाया हो जाएगा इसलिए जोरावर सिंह, फ़तह सिंह के शहीदी दिवस पर हम आग्रह करते है कि राष्ट्र रक्षा,गो रक्षा के लिए अपनी एक संतान दीजिए जो गृहस्थ रहकर भी इस पवित्र कार्य को कर सकता है ।
स्वामीजी ने आगे बताया कि पीड़ा इस बात की है कि देश में पांच लाख साधु, सन्त एवं संन्यासी है उसके बाद भी देश में प्रतिदिन 80 हजार गोवंश प्रतिदिन कट रहा है अर्थात सनातन धर्म का संतत्व,साधुत्व का प्रथम चरण ही गोमाता एवं गोसेवा है उस देश में गौहत्या पर प्रतिबंध न लगे ये इस देश के साधुओं पर कलंक है और इस कलंक को मिटाने के लिए प्रयागराज के महाकुंभ में देश के सभी संतो को भारत सरकार से गो हत्या पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाकर गोमाता को राष्ट्रमाता घोषित करने के लिए एकजुट होकर दबाव बनाने की आवश्यकता है ।



*आंग्ल वर्ष 2024 की विदाई एवं 2025 की पूर्व संध्या 31 दिसम्बर 2024 मंगलवार को विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में भगवान श्री कृष्ण की नृत्य नाट्य लीलाओ एवं भजन संध्या का आयोजन होगा*

*262 वे दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश के देवास जिले से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 262 वें दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश के देवास जिले में स्थित श्री देव महाराज गोशाला सात गांवों देहरिया साहु, झीकडा खेड़ा, बरखेड़ा, सोमा,सादीपूरा,
गोपी गुराडीया, बावल्या, कुलावड के देहरिया साहू से नीरज पाटीदार, बरखेड़ा सोमा से प्रवीण जाट,गोपाल दास, झीकड़ा खेड़ा से अमरलाल यादव,सादीपुरा से लखन पटेल,गोपी गुराडिया से परमानंद जाट, मुकेश पाटीदार, राजेन्द्र सेंधव, कुलावड़ से रवि रावत, एवं राजस्थान के झुंझनू से ममता शर्मा व माया शर्मा एवं झालावाड़ जिले के लुहारीया ग्राम की महिला मंडल ने अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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अटल जी आज भी देश के प्रधानमंत्री होते तो भारत विश्व योगदिवस की तरह गोपाष्टमी मनाता* -


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 261 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि आज तुलसी पूजन दिवस है आध्यात्मिक, औषधीय और प्रतीकात्मक महत्व के लिए जाना जाने वाला यह पौधा भगवान विष्णु और भगवान कृष्ण से जुड़े होने के कारण पूजनीय है। 
स्वामीजी ने बताया कि आज महामना मदन मोहन मालवीय का भी जन्म दिवस है जिन्होंने अंग्रेजों के शासनकाल में हमें काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रणेता तो थे ही साथ ही इस युग के आदर्श पुरुष भी थे और वे भारत के पहले और अन्तिम व्यक्ति थे जिन्हें महामना की सम्मानजनक उपाधि से विभूषित किया गया।
स्वामीजी ने आगे बताया कि आज ही के दिन भारत में 3 बार देश के प्रधानमंत्री रहें भारत रत्न स्व. अटल बिहारी जी वाजपेय का जन्मदिवस भी है और उनको याद करने का एक विशेष कारण भी बनता है कि जब राजस्थान में भयंकर अकाल पड़ा था उस समय राजस्थान के कुछ गोप्रेमी सन्त आदरणीय अशोक जी सिंहल की प्रेरणा से उनसे मिलने गए तो उन्होंने बिना देरी किए संतो का गोमाता के प्रति दुःख को देखते हुए दो घंटे के अन्दर भारत सरकार के माध्यम से यह आदेश जारी करवा दिया कि भारत के किसी भी कौने से गोमाता के चारे एवं पानी की व्यवस्था भारतीय रेल के माध्यम से निःशुल्क परिवहन की जाएगी यानि उनके हृदय में गोभक्ति प्रखर थी और हमारे ह्रदय की भावना कहती हैं कि वे और स्वस्थ रहते और आज भी भारत के प्रधानमंत्री रहते तो भारत से गौहत्या का कलंक पूरी तरह से मिट चुका होता क्योंकि जो संतो की भावना समझकर 2 घंटों में बिना देरी किए भारत सरकार की रेल को चारा परिवहन के लिए निःशुल्क कर देते है, ऐसे महापुरुष होते तो बहुत कुछ कर जाते उनके जन्मदिवस पर उनको वंदन करते हुए हम भगवान से प्रार्थना करते है कि है प्रभु अटल जी जैसा कोई सामर्थ्यवान प्रधानमंत्री देकर भारत से गौहत्या का कलंक दूर करे और जैसे पूरा विश्व योगदिवस मनाता है,उसी प्रकार पूरा भारत गोपाष्टमी , धेनु दिवस मनाना शुरू कर दे ।
स्वामीजी ने आज की कथा में बताया कि इस कलियुग में जहां भी हम नजर डालते है,उधर कुसंग ही कुसंग नज़र आती है लेकिन इस वातावरण में भी भगवती गोमाता की संगति हमें मिल रहीं है अर्थात जिन देवताओं ने हम पर कृपा कर हमें हवा के रूप में प्राणवायु,सूर्य के माध्यम से रोशनी एवं विटामिन डी,बादलों के माध्यम से जल आदि व्यवस्था दी हो और जिन्होंने भगवती गोमाता को अपनी मां माना है और हमारे शास्त्रों में तो स्पष्ट उल्लेख है कि मातृ सर्व भूतानां.......यानि गोमाता को सब देवताओं ने अपनी मां के रूप में स्वीकार किया है तो फिर तो हमारा विशेष कर्तव्य बनता है कि हमारा पल पल क्षण क्षण गोमाता की लिए न्योछावर होना चाहिए ,गोमाता के लिए बलिदान हो जाना चाहिए अर्थात जिसके गोमूत्र ,गोबर, गोरज एवं गोपुच्छ की इतनी महिमा है यानि जिसका पृष्ठभाग इतना पवित्र है तो भगवती गोमाता का सम्पूर्ण स्वरूप कितना श्रेष्ठ होगा और इसलिए तो कन्हैया हमेशा गईंया के पीछे पीछे चलते थे ।

*गो कृपा कथा के 261 वें दिवस पर आगर जिला के सामाजिक समरसता सह संयोजक.श्री भंवर सिंह खींची ग्राम कोईडीया.श्री महेश जाट एवं विशाल जाट 
 पित्याखेड़ी, जिला मन्दसौर,लोकेंद्र सिंह जी सोनगरा ,किशोर सिंह जी सोनगरा,कारु सिंह जी सोनगरा,भरत जी शर्मा,राजेन्द्र जी व्यास ग्राम बोलिया बुजुर्ग(सुनेल) सुनेल ,उमाशंकर जी शर्मा(व्याख्याता),) शासकीय राजकीय उच्चतर विद्यालय सुदवास (बडौद),आशुतोष जी शर्मा,मणिशंकर जी शर्मा (अधीक्षक),श्रीमती रेखा शर्मा,श्रीमती मंजू जी शर्मा,श्रीमती सरिता जी शर्मा बडौद एवं सुसनेर से डॉक्टर नवीन जी सेठी अपनी अर्द्धांगिनी श्रीमती मालती सेठी आदि अतिथि उपस्थित रहें*

*261 वे दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश के आगर मालवा जिले से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 261 वें दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश के आगर मालवा जिले की नलखेड़ा तहसील के भैसोदा ग्राम में संचालित श्री रामकृष्ण गोशाला की और से ग्राम पंचायत के सरपंच महेश पाटीदार ,दीपक पाटीदार,महेश पाटीदार, पवन पाटीदार एवं जयनारायण पाटीदार के साथ ग्राम के सेंकड़ों पंच पटेल,युवा शक्ति एवं मातृशक्ति ने अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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