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बारिश में रोजाना गोचरण करेंगे गो अभ्यारण समिति के सदस्य


बारिश में रोजाना गोचरण करेंगे गो अभ्यारण समिति के सदस्य


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गो अभयारण्य में वर्ष भर की गोकथा से कलयुग में सतयुग जैसी अनुभूति हो रही है*- छोटे सरकार,दादाजी धूणी खेड़ी घाट सन्त महात्मा आपसे गोसेवा करवाकर आपके अधर्म को दूर करते है*-पूज्य धनवंतरी दास जी महाराज,वृन्दावन धाम


सुसनेर। मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के उपसंहार उत्सव नवम दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती जी महाराज ने बताया कि जिस घर के आंगन में गाय माता हो वहीं सच्चा हिन्दू कहलाता है और वहीं सच्चा सनातनी है,जिस घर में गाय माता नहीं वहां तो पानी नहीं पीना चाहिए। सनातनी होने की एवं हिंदुत्व की सच्ची पहचान गाय माता जरूरी है।
नकली हिन्दू मत बनो सच्चे हिन्दू बनना है तो गाय माता घर में जरूर रखिए।
जहां गाय माता है वहीं धीरज है और जिसके पास धीर है, समझो उसके पास सब कुछ है।फिकर की फांकी करके जो पी जाए तो वही फकीर है अगर आपको भी बेफ़िक्री चाहिए तो गाय की शरण में जाना होगा। जब तक गाय है तब तक मौज है।

उपसंहार उत्सव में वृन्दावनधाम से पधारे संगीत सम्राट पूज्य धनवंतरी दास जी महाराज ने अपने आशीर्वचन में बताया कि भगवती गोमाता के मध्य पूज्य स्वामीजी जी ने जो एक वर्ष की गो महिमा सुनाई है तो हम सब का दायित्व बनता है कि हम गोमाता की महिमा को हृदय में उतारकर हम सभी भगवती गोमाता का संरक्षण एवं संवर्धन करें साथ ही महाराज जी ने अपने धन का सबसे बड़ा सदुपयोग भगवती गोमाता की सेवा में लगाने को बताया और बताया कि संत महात्मा आपसे गोसेवा करवाकर आपके अधर्म को नष्ट करने का काम करते है ।
महाराज जी ने बताया कि पृथ्वी की प्रधान स्तंभ गाय माता है यानि पृथ्वी के जो सात स्तम्भ है उसमें में मूल स्तंभ गाय माता ही है यानि यह पृथ्वी गायमाता ही है और जब पृथ्वी में किसी भी प्रकार की हल चल जैसे भूकंप, तूफ़ान,ब्मतिवृष्टि,अकाल या अन्य कोई आपदा आती है तो वह सभी संकेत भगवती गोमाता हमें चेताने एवं सर्तक रहने के लिए ही धरती गायमाता के रूप में अपने एक हिस्से को हिलाती है और हमें सावधान करती है और जिन स्थानों में गाय माता सुखपूर्वक निवास कर रही है वहां सभी सुखपूर्वक रहते है।
तथा गाय माता की सेवा ऊपर से नहीं हृदय से हो तो सभी सही हो जाएगा। 
भगवान तो अपने भक्तों की हर वेदना दूर कर देते हैं,, पर सब भगवान के लिए समर्पित कर दो जब यह होगा मतलब भरोसा रखो। जैसा भरोसा भगवान पर पांडवों ने किया था वैसे ही हमें भगवान पर भरोसा करना चाहिए। ठीक ऐसे ही हमें गाय माता पर भरोसा रखना चाहिए अपने आप सब काम पूर्ण अपने आप हो जाएंगे।

*खेड़ीघाट वाले पूज्य छोटे सरकार हुज़ूर ने अपने आशीर्वचन में बताया कि गो अभयारण्य में एक वर्ष तक भगवती गोमाता की महिमा साक्षात ठाकुर जी की असीम कृपा का ही फल है जो 5 हजार साल बाद यहा वर्ष भर गौ कथा होना कलयुग में सतयुग की शुरुआत जैसी है क्योंकि भगवान कृष्ण की परम आराध्या भगवती गोमाता यहां प्रत्यक्ष रूप से प्रकट हो गई हैं और ठाकुर जी की बड़ी कृपा है कि आप सभी को यहां गो कथा श्रवण करने का मौका मिला।
*हैदराबाद से पधारे मुरली मनोहर जी पलोड ने बताया कि पथमेड़ा का एक गो शाला न होकर एक विचार है और सम्पूर्ण भारत की वेदलक्षणा गोमाता पथमेड़ा अपनी मानता है और इसी दृष्टि को ध्यान में रखते हुए हैदराबाद में गो सेवार्थ गो वत्स फाउंडेशन का पूज्य पथमेड़ा महाराज जी एवं पूज्य गोवत्स राधाकृष्ण जी महाराज के मंगल आशीर्वाद से गो सेवा कर रहा है*


एक वर्षीय गोकृपा कथा के उपसंहार उत्सव के नवम दिवस पर चुनरी यात्रा दिल्ली से अनिता, रवि वर्मा,श्री गोवर्धन गोशाला सोयत कलां , पिड़ावा तहसील के गुराडिया ग्राम सहित दर्जनों ग्राम एवं नगर के गो प्रेमी सज्जन माता बहिनो ने सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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गुजरात की भांति केंद्र में भी गौहत्या के लिए कठोर कानून बनाएं प्रधानमंत्री मोदी जी*- स्वामी अखिलेश्वरानन्द गिरी महाराज


सुसनेर। मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के उपसंहार उत्सव रामनवमी के पुण्य पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती जी महाराज ने बताया कि प्रभु श्री राम जी का धरती पर जन्म होने का मुख्य कारण गाय माता ही रही है और उसकी रक्षा के लिए ही वे धरती पर अवतरित हुए है।उन्होंने बताया कि भगवान जब भी धरती पर आते हैं लोककल्याण के लिए ही आते हैं और जन हितार्थ के लिए ही जन्म लेते हैं।
रावण ने कुर्सी पर बैठकर सबसे पहले यही आदेश दिया कि जिस जिस नगर में गाय माता दिखे उसे आग लगा दो क्योंकि जब गाय को नष्ट कर दिया जाएगा तो भगवान अपने आप ही जन्म ले लेगे ही ।
 स्वामीजी ने आगे बताया कि जिस घर से गाय माता निकल जाएगी उस घर में माता पिता की सेवा भी नहीं होगी।
 उपसंहार उत्सव में मध्यप्रदेश गो संवर्धन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष एवं भारतमाता मंदिर ट्रस्ट के संरक्षक स्वामी अखिलेश्वरानन्द गिरी जी महाराज ने बताया कि जिन भगवान राम ने गोमाता के लिए आज ही के दिन अवतरण लिया है तो भारत के हर सनातनी को भी गोमाता के संरक्षण के लिए आगे आना होगा ओर हर सनातनी एक एक गोमाता की सेवा करें उसके लिए सभी को संकल्पबद्ध होना होगा साथ ही महाराज जी ने मध्यप्रदेश सहित सम्पूर्ण भारत में गो तस्करों के खिलाफ खड़े होकर संघर्ष करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहां कि गोपाल परिवार संघ द्वारा गठित गवाल शक्ति सेना एवं मातृशक्ति में काम करने वाले धेनु शक्ति संघ के माध्यम से देश के एक एक करोड़ युवा एवं युवतियां जुड़कर गो रक्षा एवं गो सेवा के कार्य में जुटे साथ ही गो तस्करों के लिए भी हमें संगठित होकर पहले तो उन्हें प्रेम से समझाना एवं टोकना होगा और इससे वे नहीं मानते है तो फिर उन्हें ठोकने से भी नहीं चूकना चाहिए क्योंकि गो हत्या करने वालो को ठोका जाएं तो उससे भगवान कृष्ण प्रसन्न होते है साथ ही स्वामी जी ने भारत प्रधानमंत्री नरेन्द्र जी मोदी को याद दिलाया कि जब आप गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब आपने गुजरात में गो रक्षा के लिए कठोर कानून बनाया था उसी तरह सम्पूर्ण भारत में गौहत्या को रोकने के लिए एक कठोर कानून बनाना चाहिए ताकि देव भूमि भारत से देवताओं की भी देवता कहीं जाने वाली भगवती गोमाता का वध न हो जिसके लिए भारत के अनेक राज्यों के उच्च न्यायालयों एवं भारत के सुप्रीम कोर्ट ने भी भारत में गौहत्या पर पूर्ण प्रतिबन्ध की बात सात सात जजों की पीठ ने कही हैं ।

उपसंहार उत्सव में धेनु शक्ति संघ की राष्ट्रीय संरक्षक श्रीमती उमा मिश्रा मुम्बई ने देश की सभी मातृशक्ति से आह्वान किया कि वे धेनु शक्ति संघ से जुड़कर पूज्या गोमाता की सेवा के लिए आगे आएं ।

*गो अभयारण्य में रामनवमी का भव्य महोत्सव मनाया गया जिसमें सभी भक्तों ने आनंद लिया*

*उपसंहार उत्सव में रामनवमी के पुण्य अवसर पर भोपाल जनसंपर्क से फिल्म प्रोड्यूसर/निदेशक प्रकाश शर्मा व उनकी टीम राजेश कुशवाह,विशाल,दिनेश उर्मिला शर्मा कोटा , रवि वर्मा , अनिता वर्मा दिल्ली पुरुषोत्तम अग्रवाल संरक्षक गोविन्द गौसेवा संवर्धन समूह एवं सांवरिया सेठ गोशाला कोटा एवं सूरत से चांडक परिवार एवं इंदौर से मिठ्ठू सिंह राजपुरोहित परिवार आदि अतिथि उपस्थित रहें*


*स्वामीजी ने बताया कि उपसंहार उत्सव में 07 अप्रैल को पूज्य पथमेड़ा बावजी,खेड़ीघाट से छोटे सरकार एवं वृन्दावन से धनवंतरीदास जी महाराज जैसे त्रिमूर्ति दिव्य संतों का मंगल सानिध्य मिलेगा*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के उपसंहार उत्सव के रामनवमी पर्व पर गुजरात के सूरत से हंसराज,
कैलाश,अनिल,जतिन,तरुण,सत्यनारायण चांडक,हार्दिक चांडक इन्दौर से प्रकाश सिंह,इन्दर सिंह,मिठू सिंह,आकाश सिंह,अजय सिंह,राजस्थान के उदयपुर जिले के सनवाड समूह कोटा के पुरुषोत्तम जी अग्रवाल एवं उर्मिला,दिनेश जी शर्मा,झालावाड़ के ओसाव, एवं सुसनेर के माली मोहल्ला आदि ने सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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भारत के सभी बड़े मंदिरों एवं गौशालाओं में गुरुकुल स्थापित हो* - चंद्रमा दास जी महाराज


सुसनेर। मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के उपसंहार उत्सव के षष्ठम दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती जी महाराज ने बताया कि जिस प्रकार हमारे देश के वीर शहीदों ने अपने खून से सींचकर हमें आजादी दिलाने में भूमिका निभाई है उसी प्रकार हमें भी राष्ट की रक्षा के लिए गाय को बचाना होगा और यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि गाय माता की सेवा अच्छे से हो ताकि गाय माता सुरक्षित एवं संरक्षित हो सकें।
 स्वामीजी ने आगे बताया कि आप हर काम में गाय माता को साथ रखिए तो आपको हर कार्य में सफलता मिलेगी अर्थात गाय माता की कृपा से हर काम होते हैं,इसलिए अपने जीवन रूपी नैया को गोमाता को पकड़ा दो आपकी जीवन रूपी नाव बड़ी सरलता से भवसागर पार हो जाएगी । सच बात तो यह है कि गाय माता ही राम है गाय माता ही कृष्ण है उनको देखा नहीं है ,लेकिन गाय माता हम सबको दिखती है साथ ही महाराज जी ने देश के सभी भामाशाहों एवं गोशाला संचालनकर्ताओं से आह्वान किया कि देश की सभी बड़ी गौशालाओं में एक गुरुकुल स्थापित होना चाहिए जिसके माध्यम से देश की भावी पीढ़ी गो के सानिध्य में रहकर गो सेवा कर शिक्षा प्राप्त कर राष्ट्र कार्य में अपना सर्वच्च अर्पण करें ।
 महाराज जी ने बताया कि सनातन संस्कृति में पानी,कन्या,भोजन,गाय एवं शिक्षा को नहीं बेचा जाता लेकिन आज ये सब बिक रहे है जिससे धीरे धीरे सनातन अवनति की और जा रहा है और यही स्थिति रही तो विश्व से सनातन का खात्मा हो जाएगा इसलिए भारतीय संस्कृति को बचाए रखना है तो हमें शिक्षा, कन्या,भोजन एवं पानी व गाय को बेचने से बचना होगा और इसी को ध्यान में रखते हुए विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में श्री कामधेनु गुरुकुलम जिसका शुभारंभ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन जी यादव ने अपने जन्मदिवस 25 मार्च को उदघाटन किया है उसमें अभ्यारण्य में कार्य करने वाले बालकों एवं गरीब परिवार के होनहार बालकों को नि:शुल्क शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए एक अप्रेल से प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है ।

*उपसंहार उत्सव के षष्ठम दिवस पर पूज्य संत चंद्रमादास जी महाराज ने बताया कि इस कलिकाल में भी निरंतर एक वर्ष तक भगवती गोमाता की महिमा का वर्णन करना वास्तव में इसके पीछे भगवान गोपाल की ही महत्ती भूमिका है,जो पूज्य स्वामी गोपालानंद जी महाराज के हृदय में विराजकर यह सब करवा रहें है और इस एक वर्षीय महामहोत्सव के कारण यह अभयारण्य एक तीर्थ बन गया है और आने वाले समय में यह दूसरा गोकुल बनकर उभरेगा क्योंकि वात्सल्य की प्रतिमूर्ति भगवती गोमाता जिस स्थान पर प्रसन्न रहती हो वह अपने आप में एक तीर्थ बन जाता है ।
    महाराज जी ने आगे बताया कि पूज्य गुरुदेव का भाव है कि भारत के प्रत्येक राज्य में एक एक अभयारण्य स्थापित हो और देश के हर राज्यों में गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग में एक एक अत्याधुनिक गो चिकित्सालय बने ताकि दुर्घटनाग्रस्त एवं बीमार गोवंश की समय पर चिकित्सा हो सके। 
 महाराज जी ने बताया कि जबसे भारत में मैकाले शिक्षा का प्रभाव बढ़ा है तब से भारत की युवा पीढ़ी गाय से दूर हुई हैं क्योंकि मैकाले शिक्षा पद्धति में गाय को एक सामान्य दूध देने वाला पशु माना है और इस प्रकार की शिक्षा से हमारा युवा भटक गया है और आज वह विदेश में शिक्षा प्राप्त कर वहीं नौकरी करने लग गया है,जबकि भारत के नालंदा एवं तक्षशिला विश्व विद्यालयों में भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता को पढ़ने के विदेशो से छात्र आते है और ये सब विकृति गोमाता से दूरी बढ़ने के कारण ही है,क्योंकि भगवती गोमाता तो देवताओं की भी देवता है और सनातन संस्कृति का तो मूल आधार है भगवती गोमाता ही है इसलिए सनातन को बचाना है तो हमें उसके लिए पहले गोमाता को बचाना होगा और इसके लिए हमें हमारी युवा पीढ़ी को गौसेवा की ओर अग्रसर करने की आवश्यकता है इसलिए भारत के प्रत्येक मंदिर एवं गोशालाओं में एक एक गुरुकुल स्थापित होना चाहिए ताकि उसी अनुरूप हमारी युवा पीढ़ी गौसेवा करके हमारी संस्कृति एवं राष्ट्रों शिक्षा प्राप्त कर सकें ।



*स्वामीजी ने बताया कि उपसंहार उत्सव में शिवशक्ति महायज्ञ, ग्वाल प्रशिक्षण शिविर, पंचगव्य उत्पाद शिविर,एवं बहिनों के लिए आत्म रक्षा शिविर विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में चल रहें है और आगामी 09 अप्रैल से 11 अप्रैल तक तीन दिवसीय गो आधारित कृषि का प्रशिक्षण वर्ग रहेगा*
उपसंहार उत्सव के षष्ठम दिवस पर महेश आत्मानंद महाराज जमशेदपुर झारखंड,पंडित जितेंद्र शुक्ला जी नंदगांव महाराष्ट्र एवं नगर पालिका पिड़ावा के अध्यक्ष रामेश्वर पाटीदार 
अध्यक्ष,अधिशाषी अधिकारी मनीष मीणा सहित नगर पालिका का सम्पूर्ण स्टाफ आदि अतिथि उपस्थित रहें ।



एक वर्षीय गोकृपा कथा के उपसंहार उत्सव के षष्ठम दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान के जयपुर जिले के आसलपुर गौशाला संचालक पांचू लाल कुमावत,महेश कुमावत गुड्ढा बेरसल,प्रहलाद कुमावत उगारीयावास, पवन कुमार,मनोज कुमार आसलपुर जयपुर एवं मध्यप्रदेश के आगर जिले के बडौद तहसील के राजा खेड़ी ग्राम की महिला मंडल ने अपने परिवार के साथ सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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गाय माता है तो हम है इसलिए गो पालन जरूर करना चाहिए*-स्वामी हरिहर जी,आर्ट ऑफ लिविंग


सुसनेर। मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के उपसंहार उत्सव के तृतीय दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती जी महाराज ने बताया कि गोरक्षा शासन का कर्तव्य है लेकिन जब शासन अपने कर्तव्य का पालन न करें तो समाज को किसी न किसी रूप में उठ खड़ा होना होगा और उसके लिए प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं की आवश्यकता है क्योंकि गो रक्षा के नाम पर कुछ 2 % लोग 98%को बदनाम कर देते है अर्थात कुछ उपद्रवी लोग गोरक्षा की आड़ में तस्करी वाले वाहनों में तोड़ फोड़ एवं चोरिया कर गौसेवकों को समाज के सामने बदनाम करने में पीछे नहीं रहते इसलिए उन ग़लत लोगों से बचाव के लिए सात्विक लोगों को संगठन में शामिल कर एक विशाल संगठन खड़ा कर देश के राजा को याद दिलाना होगा कि 1857 की क्रांति से लेकर आज तक 168 साल बीत चुके लेकिन गो रक्षा के लिए कोई ठोस नीति नहीं बनाई इसके लिए लोकतंत्र में संख्याबल चाहिए क्योंकि लोकतंत्र में वोटतंत्र के लिए संख्याबल महत्त्वपूर्ण है और जिस दिन दिल्ली की सड़कों पर एक करोड़ लोग गो संकीर्तन करेंगे तो गोमाता को स्वत:सम्मान मिल जाएगा ।



*उपसंहार उत्सव के तृतीय दिवस आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक पूज्य श्री श्री रवि शंकर जी महाराज जी के कृपा पात्र शिष्य स्वामी हरिहर जी महाराज ने बताया कि गो अभयारण्य में यथार्थ दिख रहा है । गो के चार अर्थ हे ज्ञान ,गमन ,प्राप्ति एवं मोक्ष है और जीवन के चार पुरुषार्थ गो माता के साथ है।
गो सेवा से ही आत्म कल्याण है गो सेवा से ही राष्ट्र कल्याण है। लेकिन इसके लिए हमें संगठित रूप से यह बात रखनी होगी। क्योंकि संगठन में ही शक्ति होती है। गायमाता के बारे में बताना ब्रह्म यज्ञ है,गायमाता की आराधना देव यज्ञ,, गायमाता के शरीर में विराजित 33 कोटि देवता की सेवा से पितृ यज्ञ एवं भूत यज्ञ आदि पांच यज्ञ का फल गो सेवा से मिल जाता है। 
स्वामीजी ने आगे बताया कि मानसिक तनाव एवं अवसाद को मिटाने का सर्व श्रेष्ठ साधन गोमाता ही है अर्थात गंभीर से गंभीर बीमारी को गोमाता बचाती है यानि गो है तो हम है और गो नहीं है तो सनातन संस्कृति नहीं बचेगी और गो रक्षा के लिए आर्ट ऑफ लिविंग भी स्वामीजी के साथ तन, मन , धन से सहयोग करेगा ।

*उपसंहार उत्सव के चतुर्थ दिवस 2 अप्रैल बुधवार को काशी सुमेरु पीठाधीश्वर परम पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद जी सरस्वती जी महाराज का आशीर्वाद मिलेगा*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के उपसंहार उत्सव के दतृतीय दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान एवं मध्यप्रदेश के गो सेवक सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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