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दैनिक समाचार



मातृशक्ति अपने चरित्र को इतना मजबूत बनाएं कि कोई आंख उठा न सकें*- साध्वी कपिला गोपाल सरस्वती


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 334 वें दिवस अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती ने वीर महाबलिदानी पन्नाधाय के जन्मदिवस पर संबोधित करते हुए बताया आज का दिन बलिदान का सर्वोच्च उदाहरण है कि जिसने अपने इकलौते किशोर बच्चे का बलिदान दे देना और राजकुल के राजकुमार उदयसिंह को बचाना ऐसी दिव्यता सात्विकता से ही आती है और पन्नाधाय में वह सात्विकता गो सेवा से ही आई है क्योंकि गायमाता की निष्काम भाव से सेवा मनुष्य में इतना परिवर्तन कर देती है कि वह न होने योग्य काम को भी करवा सकती है उसी का उदाहरण पन्नाधाय ने दिया है कि जिन्होंने अपने कुलदीपक चंदन का बलिदान देकर मेवाड़ के कुलदीपक राजकुंवर उदय सिंह को बचाया है और वे हमें भी एक प्रेरणा दे गई है राष्ट्र की बलिदेवी के लिए बलिदान होने के लिए हमे हमेशा तैयार रहना चाहिए और आज राष्ट्र, सनातन एवं हमारी संस्कृति को बचाए रखने के लिए हमें हमारी संतान को प्रेरित करना होगा ,इसलिए अपने बच्चों को प्रेरणा दीजिए कि राष्ट्र के लिए कुछ कर जाएं क्योंकि पेट तो जानवर भी भर लेते है,, इसलिए हे ! सनातनियों जागो, उठो और राष्ट्र, सनातन एवं संस्कृति के काम में लगो!

*स्वामीजी ने शुभ सूचना देते हुए बताया कि 09 मार्च रविवार को मालवा माटी के एवं मां सरस्वती के वरदपुत्र एवं गौसेवक सन्त परम पूज्य कमल किशोर जी नागर विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में आशीर्वाद देने के लिए पधार रहें है साथ ही उस दिन महाशिवरात्रि पर्व पर जिन राधाकृष्ण युगल सरकार का विवाह हुआ था वे भी पहली बार फगफेरे के लिए गो अभयारण्य पधारेंगे ।

   अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मातृशक्ति के योगदान के बारे में दवादेवी फाउंडेशन की प्रमुख साध्वी कपिला गोपाल सरस्वती दीदी ने बताया कि राष्ट्र एवं गौसेवा के क्षेत्र में हमारे देश की माताओं का गौरवमय इतिहास रहा है, जिसमें विदुषी गार्गी,विदुषी मैत्रेई,माता अहिल्या बाई,झांसी की रानी लक्ष्मी बाई,सरोजिनी नायडू,भीकाजी कामा,नीरा आर्या जैसी वीरांगनाओं की गाथाएं हमारे देश में रही है और मालवा की बात करे तो मां अहिल्याबाई होलकर जिन्होंने गो सेवा के साथ साथ हमारी विरासत के संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान रहा है,अर्थात भगवान आदि शंकराचार्य भगवान द्वारा स्थापित बारह ज्योतिर्लिंग जिनका विध्वंश हमारे यहां आएं आक्रांताओं ने कर दिया था उन 12 ज्योतिर्लिंग का जीर्णोद्वार मां अहिल्याबाई ने कराकर हमारी संस्कृति का रक्षण किया है और ये सब अपने श्रेष्ठ चरित्र के कारण ही वे कर पाई है, इसलिए *अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मैं देश की माता बहिनों से आह्वान करती हूं कि हे ! अपने पापा की परियों आप अपने चरित्र को इतना महान बनाओ कि कोई हमारी और आंख उठाकर नहीं देख पाएं,हमारे विचार और कर्म इतने पवित्र हो कि जैसे लंका में रहकर भी रावण माता सीता को स्पर्श करना तो दूर की बात छाया को भी स्पर्श उसी प्रकार हमें भी वर्तमान में। विधर्मी रूपी रावण जो वेश बदलकर हमारे आस पास भटक रहे है उनसे हमें बचना होगा* और आगामी 02 अप्रैल से 10 अप्रैल तक विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में मातृशक्ति के आत्म रक्षा प्रशिक्षण शिविर में भाग लेकर अपने आपको झांसी की रानी लक्ष्मीबाई जैसी वीरांगना बनाएं।
*विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में सूरत से सत्यनारायण जी चांडक की पुत्री प्राणवी, धेनु शक्ति संघ सुसनेर की वर्षा राठौर एवं रामगंजमंडी के उद्धव आदि के जन्मदिवस पर पूज्य महाराज जी ने आशीर्वाद देते हुए कहा कि आप सभी गोमाता की सेवा करते हुए अपने जीवन को राष्ट्र निर्माण के लिए लगाएं*






 

*334 वे दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान कोटा जिले से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 334 वें दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान के कोटा जिले के रामगंजमंडी से रत्ना जी राठौड़, मनीषा जी राठौड़,सुमन जी राठौड़,सीतु राठौड़, हंसा राठौड़,निर्मला जी राठौड़, कल्ला जी राठौड़,निया जी राठौड़ के साथ गिरिराज जी राठौड़, हरिप्रसाद जी राठौड़,लोकेश जी राठौड़ ,राहुल जी राठौड़,विनोद जी राठौड़ ने सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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हम अपने प्राण दे देंगे, लेकिन गोमाता पर आँच नहीं आने देंगे*- भाईश्री भारतजी महाराज


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 332 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती ने मातृशक्ति की महिमा बताते हुए कहां कि परिवार में सुख पूर्वक रहना है तो घर की मान को सुखी रखना होगा क्योंकि हमारी मां सुखी एवं स्वस्थ नहीं रहेगी तो घर की सारी व्यवस्थाएं बिगड़ जाएगी उसी प्रकार संसार को सुन्दर,सुरक्षित,सौम्य बनाएं रखना है,संसार में शुभ वातावरण बनाएं रखना है तो इस धरातल पर इन सब कर्तव्यों को पूरा करने में भगवती गोमाता हमारा प्रकट रूप से सहयोग करती है और गोमाता का निष्काम भाव से आश्रय लेने पर सामर्थ्य,शक्ति,,समझ सहज बढ़ जाती है,,जिससे हमारे मन में किसी के प्रति न राग रहता है न द्वेष रहता है एवं सिद्दी असिद्दी की भावना अलग हो जाती है और सिर्फ एक भाव बना रहता है कि संसार के सुख के लिए मां को सुखी करना होगा अर्थात गैया मैया सुखी होगी तो सारा संसार सुखी हो जाएगा इसलिए इस संसार में भगवान हमें गायमाता की सेवा का निर्देश देते है क्योंकि भगवान कृष्ण ने स्वयं बाबा नन्द से कहा है कि गाय हमारी देवता है और गाय की सेवा से ही समाज एवं राष्ट्र की सेवा होगी ।

*स्वामीजी ने जानकारी देते हुए बताया कि आगामी 09 मार्च 2025 को विश्व के प्रथम गो अभयारण्य मालवा में राष्ट्रीय स्वदेशी संघ एवं धेनु धरती फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में प्रातः 10 बजे से सायंकाल 04 बजे तक ऋषि कृषि सम्मेलन का आयोजन होगा जिसमें मध्यप्रदेश, राजस्थान एवं उत्तरप्रदेश के उन्नत किसान एवं कृषि विशेषज्ञ भाग लेंगे*

भारत में गोमाता को सर्वोच्च स्थान मिले इसके लिए गोमाता की महिमा को बढ़ाने के लिए धेनु धन फाउंडेशन के प्रमुख भाईश्री भारत जी महाराज ने बताया कि 04 मार्च 2012 से मेवाड़ की पुण्य भूमि हल्दी घाटी से गायमाता जन जन के हृदय में पुनः स्थापित हो उसके लिए ग्वाल सन्त पूज्य स्वामी गोपालानंद सरस्वती जी महाराज ने 31 वर्षीय गो पर्यावरण एवं अध्यात्म चेतना यात्रा प्रारंभ हुई जो आज तक 3 लाख किलोमीटर से अधिक की पदयात्रा तय कर चुकी है और वर्तमान में ब्रह्मचारी एकलव्य गोपाल जी के मार्गदर्शन में तीन राम, श्याम एवं शिव पदयात्रा मध्यप्रदेश के अनूपपुर एवं बैतूल जिले के गांव गांव में भगवती गोमाता की महिमा का वर्णन करके भगवती गोमाता की कीर्ति बढ़ा रही है और पूज्य स्वामीजी ने विश्व के प्रथम गो अभयारण्य से गोमाता की महिमा बढ़ाने के लिए 12 फाउंडेशन का गठन किया है जिसमें धेनु धन फाउंडेशन जो गोमाता के पंचगव्य उत्पाद मनुष्य का स्वास्थ्य रक्षण की महत्ता बताते हुए पंचगव्य की महिमा को जन जन तक पहुंचाने का कार्य करेगा साथ ही ग्वाल शक्ति सेना के माध्यम से देश के 5000 निरव्यसनी एवं गोव्रती युवा कार्यकर्ता के माध्यम से भगवती गोमाता के कार्य के लिए एक करोड़ गो भक्तों को जोड़ने का कार्य करेगा इसी प्रकार मातृशक्ति को गो सेवा में अग्रणी रखने के लिए धेनु शक्ति संघ नामक संगठन में 5 हजार गोव्रती मातृशक्ति जुड़कर देश की एक करोड़ माताओ को गौसेवा से जोड़ेंगे अर्थात ग्वाल शक्ति सेना एवं धेनु शक्ति संघ " हम अपने प्राण दे देंगे, लेकिन गौ माता पर आँच नहीं आने देंगे" के उद्देश्य से अपना सर्वच्च अर्पण कर भारत में गोमाता को सर्वोच्च स्थान पर पहुंचाने का पुण्य कार्य करेंगे ।

*332 वें दिवस पर झालावाड़ जिले के रटलाई निवासी राजवैद्य स्वर्गीय पण्डित रेवा शंकर जी शर्मा के परिवारजन में पुत्र वैद्य नरेन्द्र कुमार शर्मा, पौत्र भावेश शर्मा, आशुतोष शर्मा, भानेज धर्मेन्द्र कुमार एवं श्रीमती संगीता शर्मा,श्रीमती अनुसूईया एवं मनीष शर्मा आदि अतिथि उपस्थित रहें*
 

*332 वे दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान के श्री गंगानगर जिले से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 332 वें दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान के सीमाव्रती जिला श्री गंगानगर से दयाराम ,तेजपाल ,मेघाराम ,हंसराज ,रामचंद्र ,कृष्णलाल , नंदराम के साथ श्रीमती कलावती देवी,श्रीमती कैलाश देवी,श्रीमती सुमन देवी,श्रीमती मैना देवी,श्रीमती गीता देवी एवं श्रीमती निर्मला देवी आदि मातृशक्ति 
 ने सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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गोमाता को सर्वोच्च स्थान दिलाने के लिए देश की युवा एवं मातृ शक्ति को आगे आना होगा*- राधावत्स जी महाराज *मालवा माटी के एवं मां सरस्वती के वरदपुत्र संत कमल किशोर जी नागर 09 मार्च को विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में आगमन* स्वामी गोपालानन्द सरस्वती


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 333 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती ने बताया कि भगवती गायमाता की कृपा से सृष्टि है,लेकिन सृष्टि और सुखमय एवं सुरक्षित हो उसके लिए गायमाता की सेवा सुन्दर तरीके से होनी चाहिए,श्रेष्ठ एवं दिव्य रीति से हो इसके लिए द्वादश फाउंडेशन की रचना कर उन 12 फाउंडेशन के माध्यम से गायमाता को सात प्रकार "आहार,आश्रय, औषधि, आदर,आनन्द,आलिंगन एवं आजादी ये सब सुख मिले और सभी अपने अपने तरीके से। कार्य कर रहें है और प्रतिदिन किसी न किसी फाउंडेशन की विस्तृत चर्चा यहां करते है उसी क्रम में धेनु देवी फाउंडेशन के कार्य के बारे में बताते हुए कहां कि ये फाउंडेशन दो प्रकार से कार्य करता है, जिसमें से प्रथम सुप्रशिक्षित ग्वालों को प्रशिक्षण देकर उनमें गायमाता को सुखी रखने का भाव भरना और दूसरा चिकित्सा कर्मियों में श्रद्धा भाव वाली चिकित्सा का प्रशिक्षण दिलवाना और देशभर में जितनी भी गो पेथीया है उन गो प्रथीयों को गायमाता के उपचार का संग्रहरण करना और उसे सब तक पहुंचना और ग्वाल प्रशिक्षण की दृष्टि से प्रथम प्रशिक्षण विश्व के इस प्रथम गो अभयारण्य में हो चुका है और द्वितीय प्रशिक्षण मार्च के अंतिम सप्ताह से प्रारम्भ होगा ।



*स्वामीजी ने आगे बताया कि गोमाता की सेवा में सभी फाउंडेशन श्रेष्ठ कार्य करें उसके लिए मालवा माटी के एवं मां सरस्वती के वरदपुत्र एवं गौसेवक सन्त परम पूज्य कमल किशोर जी नागर विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में 09 मार्च रविवार को विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में आशीर्वाद देने के लिए पधार रहें है साथ ही उसी दिन मध्यप्रदेश,उत्तरप्रदेश एवं राजस्थान के 350 प्राकृतिक कृषि करने वाले 350 किसान भोपाल से पधार रहें है और उस दिन प्रातः 10 बजे से 04 बजे तक ऋषि कृषि सम्मेलन होगा साथ ही उस दिन महाशिवरात्रि पर्व पर जिन राधाकृष्ण युगल सरकार का विवाह हुआ था वे भी पहली बार गो अभयारण्य में फगफेरे के लिए पधारेंगे ।

भारत में गोमाता को सर्वोच्च स्थान मिले इसके लिए गोमाता की महिमा को बढ़ाने के लिए धेनु देवी फाउंडेशन के प्रमुख राधावत्स जी महाराज ने बताया कि जिस गायमाता को भगवान की भी भगवान माना है और शास्त्रों में भी गायमाता को विश्व एवं त्रिलोक की माता मानकर उसकी महिमा गाई है,उस देश में गायमाता के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है और अब समय आ गया है कि जिस प्रकार देश की आजादी के लिए सुभाषचंद बोस ने देश के युवाओं से खून के बदले आजादी देने की बात कही थी उसी प्रकार देश की गोमाता की रक्षा के लिए ग्वाल शक्ति सेना और धेनु शक्ति संघ में देश के नौजवान युवक एवं मातृशक्ति आगे आना होगा ।

*333 वें दिवस पर श्री कामधेनु गोपाल गोशाला सेवा संस्थान सुमेल के अध्यक्ष श्री सोहन लाल जी शर्मा,श्रीमति पुष्पा देवी,अजीत जी शर्मा,श्रीमती सीमा शर्मा,श्रीमती गायत्री जी दाधीचएवं लेफ्टिनेंट ऋषभ जी शर्मा व श्री बालाजी गौ सेवा धाम दतैङी पिलखुवा जिला हापुङ से गो प्रेमी अभय अग्रवाल,श्रीमती आकांक्षा अग्रवाल एवं लक्ष अग्रवाल व बद्रीलाल राठौर सलोतीया,राजेश कुमार राठौर पिड़ावा अतिथि उपस्थित रहें ।
*विगत दिनों उज्जैन पुलिस ने गो तस्करों को पकड़कर जो सबक सिखाया है उन सभी जांबाज पुलिस अधिकारियों को भी 09 मार्च को कथा के समय सम्मानित किया जाएगा जिसका आस्था चेनल के माध्यम से सीधा लाइव प्रसारण होगा*


*333 वे दिवस पर चुनरी यात्रा सिक्किम एवं उत्तरप्रदेश से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 333 वें दिवस पर चुनरी यात्रा सिक्किम के भारत चाइना सीमा पर भारत माता की सेवा कर रहें लेफ्टिनेंट ऋषभ शर्मा,अपने दादाजी, दादीजी श्री सोहन लाल जी शर्मा,श्रीमति पुष्पा देवी,एवं अपने माता पिता अजीत जी शर्मा,श्रीमती सीमा शर्मा, व श्रीमती गायत्री जी दाधीच एवं उत्तरप्रदेश के हापुड़ जिले से आईआईटी इंजीनियर अभय अग्रवाल ने अपनी धर्मपत्नी आकांक्षा अग्रवाल एवं पुत्र लक्ष अग्रवाल के साथ सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।


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अपनी बेटियों को चांद का टुकड़ा न बनाकर सूरज का अंगारा बनाएं*- साध्वी आराधना गोपाल सरस्वती


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 331 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती ने बताया कि गौसेवा ही असल में भगवान की सेवा है,जिसका प्रभाव दिख भी रहा है और अभी हाल में दिल्ली की नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा जी गुप्ता ने भी अपने वक्तव्य में स्वीकार किया है कि मैं तो विधायक के रूप में जनता जनार्दन की सेवा करने आई थी लेकिन भगवती गोमाता ने ही उनकी सेवा करने के लिए मुझे मुख्यमंत्री का दायित्व सौंपा है और भारत की राजधानी दिल्ली में अब एक भी गोमाता निराश्रित नहीं रहें इसके लिए मैं पूर्ण सेवा भाव से कार्य करूंगी अर्थात दिल्ली की मुखिया की तरह भारत के हर राज्य के मुखिया इसी प्रकार की भावना रखकर गो सेवा में जुट जाएंगे तो मेरे देश की एक भी गोमाता निराश्रित नहीं रहेगी ।

स्वामीजी ने अतिथि के रूप में आंबादेह(बडौद) से पधारे रघुनाथ सिंह जी आर्य का अभिनन्दन करते हुए बताया कि आपने अपने विवाह में भाग लेने आई माता बहिनों को एक एक तलवार भेट कर एक इतिहास बनाया है और कहां कि आर्य साहब से प्रेरणा लेकर अन्यों को भी इस प्रकार का उपहार हमारी माता बहिनों को देनी चाहिए और आग्रह किया कि आपने जिन जिन माता बहिनों को तलवार भेंट की है उन्हें आगामी 02 अप्रैल से 10 अप्रैल 2025 तक विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में होने वाले आत्म रक्षा प्रशिक्षण शिविर में भेजिए ।


गोमाता की सेवा में नारीशक्ति की महत्ता के बारे में बताते हुए दाना देवी फाउंडेशन की प्रमुख साध्वी आराधना गोपाल सरस्वती दीदी ने बताया कि माताओं ने अपने परिवार के कर्तव्यों के साथ गोरक्षा का कर्तव्य भी निभाया है,
हालाकि समाज की छोटी सोच के कारण, माताओं को कमजोर माना है , पर माताएं कोमल हो सकती हैं पर किसी भी सूरत में कमजोर नहीं हो सकती और ईश्वर ने भी
 नारी और पुरुष को समान बनाया है, 
पर समाज में माताओं को पुरुषों से कम समझा है, और माताओं पर तरह-तरह की पाबंदियां लगा दी और 
पुरुषों को हर काम करने की स्वतंत्रता दी गई हैं
पर स्त्रियों को रीति रिवाज, संस्कारों का आश्रय बताकर उनपर तरह-तरह के प्रतिबंध लगा दिया जाता है और घर में बिठा दिया जाता है पर अब स्त्रियां भी अपने अधिकारों के प्रति
 जागरूक हो रही हैं क्योंकि अब माताएं भी पीछे नहीं है और जब जब आवश्यकता पडी तो माताओं ने भी पुरुषों के साथ खड़े होकर हर क्षेत्र में अपना योगदान एवं बलिदान दिया है भगवान राम मर्यादा राम बनते है तो वह प्रेरणा सीता माँ की ही थी,अहिल्या माता के साथ छल किया था इंद्र भगवान ने ,पर दंड भोगा माँ अहिल्या ने जिन्हें पत्थर बनना पड़ा ।
3. करणा देवी बड़ी सुंदर थी, अकबर का शासन काल, मीना बाजार लगता, माताएँ ही पुरुष नहीं ja सकते थे, जब अकबर महिला का वेश बनाकर पहुंचा, हाथ पकड़ा, समझी लात मारी, गिराया, और कटारी निकालकर गर्दन पर लगायी, अगर मन से माँ कहकर पुकारेंगे , और आगे से सभी बहन बेटियों को माँ बहन की दृष्टि से देखेगा तो छोड़ेगी, और बोला कि आप तो दुर्गा हो भवानी हो बोला tab छोड़ा इसी प्रकार पन्नाधाय ने अपने कर्तव्य का पालन करने के लिए अपने खुद के बेटे की प्राणों की आहुति दे डाली और इस प्रकार का त्याग एवं बलिदान एक नारी ही कर सकती हैं और ऐसा इतिहास कभी पुरुषों का नहीं रहा हैl साध्वी जी ने देश की माताओं से आग्रह किया कि है,माताओं आप अपनी बेटियों को चांद का टुकड़ा नहीं,सूरज की तरह ओजस्वी बनाओ,तेजस्वी बनाओ ताकि कोई उसकी तरफ़ आँखें उठाकर न देख सके और अब राष्ट्र रक्षा,,धर्म रक्षा के साथ देश की माता बहिनों को गो रक्षा में आगे आना पड़ेगा क्योंकि आज गौमाता को लोगों ने दूध पीकर दर दर भटकने के लिए छोड़ दिया है, भूख प्यास के कारण के कारण गौमाताओं के प्राण चले जाते हैं और देश में 80 हजार से अधिक गोवंश कसाइयों के चंगुल ने फंसकर कट रहा है , सनातन संस्कृति की मूल आधार भगवती गौमाताओं को बचाने के लिए आगे आना होगा और उसके लिए श्री गोपाल परिवार संघ ने धेनु शक्ति संघ रूपी माताओं के लिए संगठन बनाया है जिसमें देश की 5 हजार व्यसन मुक्त गो व्रती माताएं जुड़कर देश भर में एक करोड़ माताएं गो सेवा एवं गो रक्षा के लिए तैयार करेगी क्योंकि अब गोमाता को सर्वोच्च स्थान दिला पाएंगी।


331 वें दिवस पर भारतीय किसान संघ के चित्तौड़ प्रान्त संगठन मंत्री श्री परमानंद जी भाईसाहब, झालावाड़ जिला अध्यक्ष राधेश्याम गुर्जर एवं दैनिक आगाज ए चन्दन समाचार पत्र के संवाददाता मनीष जी राठौर सुसनेर आदि अतिथियो को उपरना एवं गोमाता की छवि देकर सम्मानित किया ।
 

*331 वे दिवस पर चुनरी यात्रा भारतीय किसान संघ एवं मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 331 वें दिवस पर चुनरी यात्रा भारतीय किसान संघ चित्तौड़ प्रान्त के संगठन मंत्री परमानंद जी एवं झालावाड़ जिलाध्यक्ष राधेश्याम गुर्जर एवं मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के उड़नखेड़ी से श्रीमती गीता बाई एवं सेठ श्रीनाथ जी अग्रवाल के परिवार व रामचंद्र पुष्पक,सर्जन सिंह पटेल एवं भोला आदि ने सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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चूड़ियां कमजोरी का मानक नहीं,स्त्रियों का हथियार है*- साध्वी निष्ठा गोपाल सरस्वती


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 330 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती ने बताया कि बताया कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा मनाएं जा रहें गोवंश रक्षा वर्ष के तहत आज मध्यप्रदेश के गौसेवक यशस्वी मुख्यमंत्री जी के गृह जिला उज्जैन के घटिया थाना क्षेत्र से एक सुखद सूचना आई कि घटिया थाना के थाना प्रभारी निरीक्षक डी एल दसोरिया, उप निरीक्षक अल्केश कुमार डांगे, उप निरीक्षक शैलेंद्र सिंह अलावे, प्रधान आरक्षक 410 गजेंद्र सिंह प्रधान आरक्षक 1290 मानसिंह, प्रधान आरक्षक 1702 राजेंद्र राठौड़, प्रधान आरक्षक 1301 शांतिलाल जाट, आरक्षण 892 बद्रीलाल, आरक्षक 868 पवन शर्मा, आरक्षक 936 रामचंद्र मालवीय, आरक्षक 1814 बनवारी लाल यादव, आरक्षक 1815 दीपक यादव सैनिक आत्माराम सैनिक मोहनदास बैरागी की जांबाज टीम ने दो मेवाती मुसलमान कसाइयों अकील पिता आशीष खान उम्र 22 साल निवासी भेरू नाला शीतला माता मंदिर की गली उज्जैन थाना जीवाजीगंज 02 सलीम उर्फ बिटिया पिता अबीब खा उम्र 35 साल निवासी ताजपुर उज्जैन द्वारा बालेनो कार में गोवंश को चारों पैर एवं एवं मुंह बांधकर ले जाते हुए दबोचा और उनकी अच्छे से धुनाई कर अपराधियों से गाय हमारी माता है पुलिस हमारी बाप है के नारे लगाते हुए उनका झुलस निकाला और अपराध क्रमांक 68/25 धारा 4,6,9, म प्र गोवंश वध प्रतिषेध अधिनियम 11 D पशु कुरता में गिरफ्तार कर आरोपियों के कब्जे से घटना में प्रयुक्त बालेनो कार को जप्त कर आरोपियों को माननीय न्यायालय के समक्ष पेश कर जेल भेज गया उसके लिए पूज्य महाराज ने घटिया थाना क्षेत्र सहित सम्पूर्ण उज्जैन क्षेत्र की पुलिस का आभार व्यक्त करते हुए पुलिस अधीक्षक उज्जैन से निवेदन किया कि भगवती गोमाता का पुनीत कार्य करने वाले उक्त जांबाज भारत माता के सभी लाल को विश्व के प्रथम गो अभयारण्य जहां पर मध्यप्रदेश शासन के गोवंश रक्षा वर्ष के तहत एक वर्षीय गो कृपा कथा चल रही है उसमें उन सभी जांबाज बहादुर सिपाहियों को भिजवाने की कृपा करावे ताकि आस्था चेनल के माध्यम से विश्व के 160 से अधिक देशों के साथ सम्पूर्ण भारत को एक प्रेरणा इन जांबाज वीर बहादुर सिपाहियों के माध्यम से मिल सकें ।
*पूज्य महाराज जी ने सभी को सूचित करते हुए बताया कि आज 04 मार्च को भोपाल में मध्यप्रदेश की केबिनेट बैठक से मध्यप्रदेश के गोपालन विभाग एवं डेयरी मंत्री माननीय लखन जी पटेल के माध्यम से सूचना मिली है कि मध्यप्रदेश के गोसेवक मुख्यमंत्री महोदय डॉक्टर मोहन जी यादव ने मध्यप्रदेश शासन द्वारा आगर मालवा में स्थापित विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के उपसंहार कार्यक्रम की स्वीकृति प्रदान की है साथ ही विश्वास दिलाया है कि मैं भारत के गृह मंत्री माननीय अमित जी शाह को भी लाने का पूर्ण प्रयास करूंगा*

गोमाता की सेवा में नारीशक्ति की महत्ता के बारे में बताते हुए दृष्टि देवी फाउंडेशन की प्रमुख साध्वी निष्ठा गोपाल सरस्वती ने बताया कि आज भी पुरुष प्रधान समाज में पुरुष मानसिकता वाले विचार जीवित है और जो पुरुष कमजोर या डरपोक होता है उसे चूड़ियां पहन रखी है क्या ? ऐसी तीखी टिप्पणी की जाती है और इसी मानसिकता के चलते आज तक गो रक्षा के आन्दोलन में मातृशक्ति को कभी अग्रणी नहीं रखा है और हमेशा उन आंदोलनों में पुरुष अग्रणी रहें है ओर दुर्भाग्य से वे आंदोलन विफल हुए है,लेकिन हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि चूड़ियां धारण करने वाली रानी पद्मिनी ने खिलजियों को अपनी औकात दिखा दी थी और हाड़ारानी ने एक क्षण में अपना सिर धड़ से अलग करके अपने पति को कर्तव्य का बोध कराया कराया है अर्थात चूड़िया कमजोरी का मानक नहीं बल्कि स्त्रियों का हथियार है और जब गो रक्षा की बात आती है तो पुरुषों द्वारा विचार किया जाता है लेकिन पुरुषों को यह नहीं भूलना चाहिए कि प्रत्येक वीर,महान, योद्धा में वीरता भरने वाली स्त्री ही तो होती है,महाराणा प्रताप एवं छत्रपति शिवाजी जैसे महापुरुषों में गोभक्ति का भाव भरने वाली भी तो नारी रूप में एक मां ही तो थी और आज जो छावा नामक फिल्म दिखाई जा रहीं है उसमें छावा को जन्म देने वाली भी तो एक नारी ही है ।
 साध्वीजी ने देश की मातृशक्ति से आह्वान किया कि माताओं अब समय आ गया है अब हमें गो रक्षा के लिए आगे आना होगा और इसके लिए धेनु शक्ति संघ के माध्यम से संगठित होना होगा और हमें यह दिखाना होगा कि "ना अबला हूं,ना बेचारी हूं, तू देख मुझे मैं एक नारी हूं।" और इसी उद्देश्य को प्रतिलक्षित करने के लिए आगामी 02 अप्रैल से 10 अप्रैल 2025 तक विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में दृष्टि देवी फाउंडेशन के तत्वाधान में देश भर की माता बहिनों के लिए आत्म रक्षा प्रशिक्षण(self defense training camp) शिविर रखा है ।


330 वें दिवस पर अंबालाल भामाखेड़ा एवं नीतू राज सिंह आदिअतिथि के रूप में उपस्थित रहें ।
 

*330 वे दिवस पर चुनरी यात्रा महाराष्ट्र एवं मध्यप्रदेश से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 330 वें दिवस पर चुनरी यात्रा पूज्य महंत शिवदास जी महाराज भिण्ड एवं सत्यानंद जी त्यागी रामनगर व महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले से पार्थ,सुषमा, सुशांत बालाजी एवं पूजा राम, सुनंदा राम,इंदुताई कृष्णा,गजानन राम व कृष्ण राहटकर के परिवार की ओर से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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गोमाता को सर्वोच्च स्थान दिलाने के लिए देश की मातृशक्ति को आगे आना होगा*- साध्वी श्रद्धा गोपाल सरस्वती


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 329 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती ने हाड़ौती नोबेल समाचार पत्र के संवाददाता धीरज जी गुप्ता एवं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली के सेवा निवृत DSP महेन्द्र सिंह जी यादव को याद दिलाते हुए बताया कि पत्रकार लोकतंत्र के मूल स्तंभ होते है, लेकिन इस समय लोकतंत्र लंगड़ाया हुआ सा दिखता है,इसलिए इस समय पत्रकारों की भूमिका मिर्च मसालों वाली खबरों से बचकर राष्ट्र निर्माण की मूल आधार भगवती गोमाता की महिमा को जन जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है क्योंकि वर्तमान में गो को वैश्विक स्तर पर तो पशु मानते ही है साथ ही सनातनी भी इसे दूध देने वाला असाधारण पशु मान बैठे है,जिसके परिणाम स्वरूप विश्व अशांति की और बढ़ रहा है , गोमाता दूध देने वाला जानवर नहीं है ,बल्कि विश्व शान्ति का मूल आधार है गोमाता और जिस दिन मानव अपने अपने कर्तव्य को समझ लेगा उस दिन सारे अधिकारों का झगड़ा स्वत: ही खत्म हो जाएगा ।

गोमाता की सेवा में नारीशक्ति की महत्ता के बारे में बताते हुए दाता देवी फाउंडेशन की प्रमुख साध्वी श्रद्धा गोपाल सरस्वती दीदी ने बताया कि भारत में करपात्री जी महाराज से लेकर अभी तक जितने भी गोमाता की रक्षा के लिए आंदोलन हुए उन सब में दुर्भाग्यवश हमें विफलता ही हाथ लगी हैं और अब तक हम सब गायमाता को सम्मान नहीं दिला पाएं है और आज भी प्रतिदिन 80000 गोमाता रोज़ कट रही है और अब गोमाता को बचाना है तो शक्ति स्वरूपा नारी को आगे आना ही होगा क्योंकि गायमाता शक्ति स्वरूपा है और गायमाता चाहती है कि यह कार्य भी शक्ति स्वरूपा माताओं द्वारा ही हो क्योंकि माताएं ही है जो ममता की ,त्याग की,बलिदान की प्रतिमूर्ति होती है और नारी शब्द का एक अर्थ बलिदान भी होता है यानि जब तक सर्वच्च त्याग करने की भावना नहीं होगी तब तक गायमाता की सेवा और रक्षा नहीं हो सकती और हमारे देश के इतिहास में तो मातृशक्ति की अहम भूमिका रही है,चाहे वह झांसी की रानी हो ,चाहे सरोजनी नायडू या चाहे कोरोना 19 जैसी वैश्विक महामारी में वैक्सीन बनाने वाली सुचित्रा जी क्यों न हो जिन्होंने संपूर्ण विश्व को कोरोना जैसी महामारी से बचाया है।
   साध्वी जी ने बताया कि नारी जिसमें सृजन शक्ति भी होती है तो उसमें विध्वंश का बल भी होता है ,और आवश्यकता पड़ने पर दुष्टों का दमन करने के लिए वह मां चंडी, मां काली,मां भगवती का रूप भी लेती है ,इसलिए भगवती गोमाता की रक्षा के लिए भी देश की मातृशक्ति को आगे आना होगा क्योंकि गोमाता को जिन मूलभूत सात आवश्यकता आहार,आश्रय,ओषधि,आदर,आजादी, आनन्द एवं आंलगन आदि सप्त गुण ये सब मातृशक्ति में विद्यमान होता है ,और जिस दिन मेरे देश की 10 लाख माताएं एक साथ गोमाता को राष्ट्रमाता जैसे सर्वोच्च स्थान के लिए एक साथ खड़ी हो जाएगी उसी दिन भारत में गोमाता सर्वोच्च स्थान पर आरूढ़ हो जाएगी क्योंकि अब तक भी जितने भी गोरक्षा के लिए आंदोलन हुए वे पुरुषों की अगुआई में हुए है और उसमें सफलता नहीं मिली है,इसलिए अब गोमाता की रक्षा के लिए देश की मातृशक्ति को आगे आना होगा और धेनु शक्ति संघ इसी उद्देश्य के लिए कार्य कर रहा है और पूर्ण विश्वास है कि मेरे देश की मातृशक्ति ही गोमाता को सर्वोच्च स्थान दिलायेगी।

*329 वें दिवस पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली,सेवा निवृत DSP महेन्द्र सिंह जी यादव गुरुग्राम, ब्रजेश कुमार जी अग्रवाल,चार्टेड अकाउंटेट गुरुग्राम, डॉ. महेंद्र प्रसाद जी अग्रवाल,यमुना नगर हरियाणा,बृजपाल जी नेगी,श्याम विहार नई दिल्ली,बीरबल जी यादव,नई दिल्ली,छत्तीसगढ़ के रायपुर से जय विजय एवं उनकी माताजी व नर्मदा जी के तट पर 250 गौमाताओं की सेवा करने वाली श्रीमती सुधा जी बाहेती नेमावर आदिअतिथि के रूप में उपस्थित रहें*



*आगामी 09 मार्च को धेनु धरती फाउंडेशन के तत्वाधान में होगी ऋषि कृषि संगोष्ठी*
 
*329 वे दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान एवं मध्यप्रदेश से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 329 वें दिवस पर चुनरी यात्रा हाड़ौती नोबेल समाचार पत्र के संवाददाता धीरज गुप्ता एवं उनके पिता श्री कन्हैया लाल गुप्ता सुनेल (झालावाड़) के परिवार , डग तहसील के रतनपुरा एवं पचपहाड़ तहसील के गुराडिया की महिला मंडल एवं राजगढ़ जिले की सारंगपुर तहसील के गामड़ी ग्राम की ओर से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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